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खसरों को आधार से लिंक करने में बच रहे किसान योजनाओं से हो सकते हैं बाहर

किसानों के खसरे आधार से हो रहे लिंक, 371194 किसानों ने करवाया अपडेट 537001 बाकी

जबलपुर, यश भारत। केंद्र सरकार व प्रदेश सरकार द्वारा किसानों को दी जा रही सम्मान निधि को लेकर नई व्यवस्था पर काम चल रहा है। जिसमें किसानों के जमीनों के खसरों की केवाईसी के माध्यम से आधार से लिंक करे जा रहे हैं। आने वाले समय में जिन किसानों के खसरे आधार से लिंक नहीं होंगे उनके खाते में सम्मान निधि की राशि नहीं आएगी । इसको लेकर बड़े स्तर पर राजस्व महा अभियान के तहत खसरों को लिंक किया जा रहा है जिसमें 3371194लाख खसरों को लिंक कर लिया गया है लेकिन अभी भी एक बहुत बड़ा लक्ष्य है जो पाना बाकी है।

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बहुत से नाम हो जाएंगे बाहर

किसान सम्मन निधि को लेकर केंद्र सरकार व प्रदेश सरकार की बहुत सारी शर्ते हैं, जिसमें जमीन का रकवा और सरकारी नौकरी जैसी बाध्यताएं हैं आधार का खसरे से लिंक हो जाने के बाद ऐसे बहुत से लोग हैं जो योजना का फायदा नहीं ले पाएंगे, वहीं ऐसे बहुत से लोग हैं जो उच्च आय वर्ग के हैं लेकिन इस योजना के माध्यम से सम्मान निधि प्राप्त कर रहे थे वे बाहर भी हो सकते हैं। जिसके चलते प्रशासन ज्यादा से ज्यादा लोगों की केवाईसी का प्रयास कर रहा है।

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परेशान हो रहे पटवारी

इस पूरे मामले में सबसे ज्यादा दबाव पटवारी के ऊपर है जिनको यह काम करने की जिम्मेदारी दी गई है ,लेकिन किसान अपने आधार को खसरों से लिंक करवाने से बच रहे हैं क्योंकि उन्हें पता है कि यदि आधार कार्ड खसरो से लिंक हो जाएगा तो उनकी बहुत सारी जानकारियां सरकार के पास पहुंच जाएंगी और फिर भी कई योजनाओं में अपात्र हो जाएंगे । जिसके चलते वह बच रहे हैं वही पटवारीयो पर प्रशासन की ओर से जल्द से जल्द लक्ष्य हासिल करने का दबाव बनाया जा रहा है।

40% टारगेट ही हुआ है पूरा

जानकारी के मुताबिक ई केवाईसी को लेकर 40% लक्ष्य ही पूरा हो सका है जिसमें 907321 खसरों की केवाईसी होना है। जिसमें से 537001 खसरों की केवाईसी हो पाई है। सबसे कम प्रतिशत आधार ताल का है जहां पर मात्रा 16.5% काम हुआ है वही पाटन में 55.700% काम हो चुका है ।इसके अलावा मझौली, पनागर और सिहोरा में स्थिति संतोषजनक है वही गोसलपुर रांझी में भी लक्ष्य से बहुत कम कम हुआ है।

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