जबलपुरमध्य प्रदेशराज्य

एमपीईबी के 70 हजार कर्मचारी हड़ताल पर गए: फॉल्ट सुधार, मेंटेनेंस जैसे कई कामों पर असर

जबलपुर। मध्यप्रदेश यूनाइटेड फोरम फॉर पॉवर एम्पलाइज एंड इंजीनियर्स संगठन के आह्वान पर बिजलीकर्मी आज सोमवार से हड़ताल पर चले गए हैं। इस कारण फॉल्ट सुधार, मेंटेनेंस जैसे कई कामों पर असर पड़ेगा। वे वसूली भी नहीं करेंगे। हड़ताल से रोशनी के पर्व दीपावली पर भी असर पड़ सकता है। हड़ताल में जबलपुर समेत मप्र के करीब 70 हजार बिजलीकर्मी शामिल हैं। ये कर्मचारी डीए और वेतनवृद्धि के एरियर की राशि नहीं मिलने से वे नाराज हैं।

2 दिन पहले उन्होंने हड़ताल पर जाने की घोषणा कर दी थी। हड़ताल में करीब 29 हजार नियमित, 6 हजार संविदा और 35 हजार आउटसोर्स कर्मचारी शामिल हैं। बिजली कंपनियों द्वारा निर्णय नहीं लिए जाने के कारण संगठन 1 नवंबर से असहयोग आंदोलन की शुरुआत की गई। संगठन के संयोजक वीकेएस परिहार ने बताया, 21 अक्टूबर को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने महंगाई भत्ता और वेतनवृद्धि की एरियर्स की बकाया राशि के भुगतान की घोषणा की थी, लेकिन प्रदेश की बिजली कंपनियों ने इस पर अब तक कोई निर्णय नहीं लिया है, जबकि 4 नवंबर को दीपावली है। इस संबंध में 28 अक्टूबर को ऊर्जा मंत्री को लैटर लिखकर ष्ठ्र- वेतनवृद्धि की राशि समेत अन्य 5 सूत्री मांगों के निराकरण करने की मांग की गई थी। फिर भी कंपनियों ने निर्णय नहीं लिया। इसलिए 1 नवंबर से फिर से आंदोलन की राह पर चल पड़े हैं।

ये काम होंगे प्रभावित

घरों व व्यावसायिक इलाकों की बिजली सप्लाई में आने वाले फॉल्ट नहीं सुधारेंगे।
दफ्तरों में बिल जमा करना हो या बकाया राशि की वसूली, ये काम भी प्रभावित होंगे।
बिजली कनेक्शन काटने की कार्रवाई भी नहीं होगी।
मेंटेनेंस कार्य प्रभावित होगा।

इन मांगों को लेकर हड़ताल पर

बिजलीकर्मियों के महंगाई भत्ता एवं स्थगित वेतनवृद्धि के बकाया राशि के 50त्न का भुगतान अक्टूबर के वेतन के साथ किया जाए। बिजलीकर्मियों के लिए 1 अप्रैल 2021 से 14त्न एनपीएस का प्रावधान तुरंत लागू किया जाए। संविदा के अधिकारी-कर्मचारियों का वेतनवृद्धि व डीए भी पिछले  सालों में नहीं लगाया गया है। इसलिए सभी संविदाकर्मियों के अक्टूबर के वेतन में डीए की राशि भी दी जाए।आउटसोर्स कर्मियों के बोनस के भुगतान के साथ उनका अक्टूबर माह का वेतन भी दीपावली से पहले दिया जाए। कर्मचारियों को विद्युत देयकों में मिलने वाली 50त्न छूट को बंद करने के निर्णय को तत्काल वापस लिया जाए।

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