Hathras stampede: 2 जुलाई को हुए हाथरस भगदड़ (Hathras Stampede) के मुख्य आरोपी देव प्रकाश मधुकर ( Dev Prakash Madhukar) ने शुक्रवार रात दिल्ली में पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया। उत्तर प्रदेश पुलिस (Uttar Pradesh Police) ने उसकी गिरफ्तारी पर एक लाख रुपए का इनाम घोषित किया था। पुलिस ने देवप्रकाश मधुकर को गिरफ्तार कर लिया है। शुक्रवार रात दिल्ली के नजफगढ़-उत्तम नगर इलाके में पुलिस ने उसे हिरासत में लिया। देव प्रकाश मधुकर को आज शनिवार(6 जुलाई को) को कोर्ट में पेश किया जाएगा।
बाबा सुरज पाल सिंह भी सामने आया
हाथरस भगदड़ के बाद, सुरज पाल सिंह जिसे भोले बाबा (Bhole Baba) के नाम से भी जाना जाता है, हाथरस घटना (Hathras incident) के बाद पहली बार सामने आया। अपने एक संदेश में बाबा सूरजपाल सिंह (Suraj Pal Singh) ले हादसे पर गहरा दुःख व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि मैं और मेरी संगत इस घटना से बहुत दुखी हैं। बाबा सूरजपाल सिंह ने पीड़ित परिवारों से न्यायपालिका पर विश्वास रखने की अपील की। मुझे विश्वास है कि उपद्रवी बख्शे नहीं जाएंगे। सूरजपाल ने कहा कि हमारी कमेटी मृतकों के परिजनों और घायलों की मदद करेगी।
हादसे की जांच के लिए न्यायिक आयोग गठित
उत्तर प्रदेश सरकार ने हाथरस भगदड़( Hathras Stampede) मामले की जांच के लिए एक तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग (judicial commission) का गठन किया है, जिसकी अध्यक्षता एक सेवानिवृत्त उच्च न्यायालय के न्यायाधीश करेंगे। इस आयोग का मुख्य उद्देश्य हादसे के पीछे किसी साजिश की संभावना की जांच करना है। इसके साथ ही, राज्य सरकार ने हादसे की विस्तृत जांच के लिए एक विशेष जांच टीम (SIT) भी बनाई है।
राहुल गांधी ने की हाथरस पीड़ितों से मुलाकात
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने शुक्रवार को हाथरस हादसे((Hathras incident)) के पीड़ित परिवारों से मुलाकात की। इस दौरान पीड़ित परिवारों ने राहुल गांधी से गले मिलकर अपनी पीड़ा साझा की। राहुल गांधी ने उन्हें सांत्वना दी और हर संभव मदद का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि वह इस मुद्दे को संसद में उठाएंगे और पीड़ित परिवारों को न्याय दिलाने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे। राहुल गांधी का यह दौरा पीड़ित परिवारों के लिए एक बड़ी सहानुभूति की बात है।
एसआईटी की प्रारंभिक रिपोर्ट
एसआईटी की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट(SIT report) में यह पाया गया है कि हाथरस भगदड़ (Hathras Stampede) लापरवाही और बदइंतजामी के कारण हुई थी। रिपोर्ट के अनुसार, घटनास्थल पर पर्याप्त सुरक्षा प्रबंध नहीं थे और बड़ी संख्या में नए श्रद्धालु भी शामिल थे, जिससे भीड़ अनियंत्रित हो गई। जिले के प्रमुख अफसरों समेत 90 लोगों के बयान लिए गए हैं और अब तक जो सबूत मिले हैं, उनमें आयोजक दोषी साबित हो रहे हैं।
सूरज पाल सिंह के वकील ने क्या कहा
सूरज पाल सिंह के वकील एपी सिंह (AP Singh) ने कहा कि सत्संग आयोजकों पर मुकदमा दर्ज करना गलत है। उन्होंने कहा कि आयोजकों ने 80 हजार लोगों की अनुमति ली थी, लेकिन भीड़ उम्मीद से कहीं ज्यादा पहुंच गई। इस दौरान अराजक तत्वों ने इसका फायदा उठाया और यह हादसा हो गया। एपी सिंह ने कहा कि यह सिर्फ हादसा है, जो अराजक तत्वों के कारण हुआ है। वह अदालत में आयोजकों की पैरवी करेंगे।