जबलपुरमध्य प्रदेश

अनुभवहीन डॉक्टरों का इलाज बन रहा ब्लेक फंगस : मेडिकल में डेंगू पॉजीटिव मरीज आया चपेट में, आगे भी आ सकते है केस

जबलपुर, यशभारत। कोरोना काल के बाद ब्लेक फंगस नामक दुलर्भ बीमारी अब चिंता का सबब बनती जा रही है। नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल अस्पताल ईएनटी में भर्ती डेंगू मरीज को यह दुर्लभ बीमारी सामने आई है। इसे लेकर चिकित्सा विशेषज्ञों ने जो बताया वह हैरान करने वाला है। ईएनटी विभागाध्यक्ष का कहना है कि ब्लेक फंगस बीमारी दरअसल अनुभवहीन डॉक्टरों के इलाज से फैल रही है। झोला छाप डॉक्टर मरीज को बुखार आने पर बिना जांच किए ही दवा दे रहे हैं, जिसका साइड इफे क्ट हो रहा है। उन्होंने कहा कि बुखार आने पर यदि कुछ सावधानियां रखीं जाएं तो स्थिति को नियंत्रित किया जा सकता है।

मेडिकल की नाक-कान गला विशेषज्ञ डॉक्टर कविता सचदेवा ने बताया कि ब्लेक फंगस के मरीज गिनती में आ रहे हैं। मई-जून में ब्लेक फं गस मरीजों का आंकड़ा जहां 140 जो घटकर 14 हो गया है। हालांकि जबलपुर से एक डेंगू मरीज को ब्लेक फ ंगस की शिकायत आई है जिसे भर्ती कर लिया गया है। फि लहाल दमोह-छिंदवाड़ा,बालाघाट और जबलपुर से ब्लेक फं गस के मरीज सामने आए हैं।

डेंगू मरीज वाला पहला केस
डॉक्टर कविता सचदेवा ने बताया कि ब्लेक फं गस की शिकायत अभी तक कोरोना मरीजों में सामने आई थी परंतु डेंगू पीडि़त मरीज भी इसकी चपेट में आ रहे हैं। जबलपुर से पहला केस ब्लेक फंगस का है जिसे डेंगू है।

अभी तक खत्म हो जानी थी यह बीमारी
डॉक्टर कविता सचदेवा का कहना है कि इस बीमारी को अगस्त में समाप्त हो जाना था परंतु अक्टूबर तक ब्लेक फंगस के केस आ रहे हैं जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस दुर्लभ बीमारी के केस आगे भी आते रहेंगे। डॉक्टर ने इस बीमारी के बढऩे का कारण गली-गली दुकान लगाकर बैठे डॉक्टरों को माना है। अनुभव कम वाले डॉक्टर अंदाज से बुखार सहित अन्य बीमारियों का इलाज करते हैं और मरीज को दवाईयोंं का कुप्रभाव होता है।

ये रखें सावधानियाँ

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ईएनटी विभागाध्यक्ष डॉक्टर कविता सचदेवा ने बताया कि यदि सावधानियां रखी जाएं तो इस खतरे से बचा जा सकता है।

1. बुखार आने पर प्रॉपर डॉक्टर से मिले और इलाज कराएं, किसी भी चिकित्सक से मिलकर पुडिय़ा ना लें।
2. बुखार आने पर शुगर लेवल भी प्रॉपर चेक कराएं। अक्सर शुगर बढ़ जाता है, जिससे ब्लेक फंगस का खतरा बढ़ जाता है।
3. मास्क को रोज धोएं और उसे यहां-वहां ना रखें।
4. नाक से खून या आंख में सूजन आने पर तुरंत ईएनटी डॉक्टर से संपर्क करें, किसी भी चिकित्सक से दवा ना लें।
5. मरीज को आने में ही करीब 15 दिन लग रहे हैं, यदि मरीज पहले ही हमारे पास आ जाए तो स्थिति आसानी से नियंत्रित हो जाती है, बुखार को बिल्कुल भी हल्के में ना लें।

6. बुखार आने पर अपने मन से किसी भी प्रकार की दवा ना लें, अन्यथा घातक परिणाम हो सकते हैं।

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