जबलपुरमध्य प्रदेश

जबलपुर में ड्रीमलैंड कॉलोनी में सामने नहीं आ रहा कोई भी जिम्मेदार,लटक रहे हैं चालू बिजली लाइन के तार

जबलपुर,यशभारत। ग्रीन सिटी के पास स्थित ड्रीमलैंड कॉलोनी के रहवासियों की रडार पर नेता, जनप्रतिनिधि, जिला प्रशासन के अधिकारी और एमपीईबी के अधिकारी हैं क्योंकि सालों से सामने खड़ी समस्या की ओर इनमें से किसी का भी ध्यान नहीं गया है। आलम ये है कि चालू बिजली लाइन के तारों के साये के बीच स्थानीय रहवासी अपना जीवन गुजारने मजबूर हैं। हैरानी की बात तो ये है इतनी बड़ी समस्या की जिम्मेदारी लेने कोई भी जिम्मेदार अभी तक सामने नहीं आया है।

स्थानीय नागरिक पप्पू टाइगर, द्रोपदी बाई सहित अन्य की माने तो प्रशासन किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रहा है। स्थानीय रहवासियों ने स्पष्ट कहा है कि हमारे क्षेत्र में अगर बिजली के तार टूटकर गिरने से कोई घटना घटित होती है तो इसकी पूरी जिम्मेदारी कवर्धा के बिल्डर मोहन चंडक, एमपीईबी, जिला प्रशासन के अधिकारियों और स्थानीय नेताओं की होगी। लोगों ने स्पष्ट कहा है कि वे हादसे के बाद किसी भी जिम्मेदारों को नहीं बख्शेंगे। क्योंकि करीब 11 साल से सामने खड़ी समस्या के निराकरण की मांग उनके द्वारा की जा रही है लेकिन अभी तक उनके सामने समस्या जस की तस है।
140 परिवार गुजार रहे हैं जीवन
जानकारी के अनुसार ड्रीमलैंड कॉलोनी में अभी करीब 140 परिवार रह रहे हैं और 50 निर्माणाधीन मकान हैं। इस कॉलोनी का निर्माण वर्ष 2011 में बाबा रामदेव डेवलपर्स के मोहन चांडक ने किया था। स्थानीय रहवासियों ने यशभारत को बताया कि टं्रासफार्मर नहीं होने के कारण टीसी कनेक्शन से उन्हें काम चलाना पड़ रहा है।

बढ़ रहे हैं चोरों के हौंसले
शाम ढलते ही यहां स्ट्रीट लाइट न होने से अंधेरा छा रहा है जिसका असामाजिक तत्व व चोर फायदा उठाने लगे हैं। हाल ही में ड्रीमलैंड कॉलोनी के अग्रवाल परिवार के सूने घर का ताला तोड़कर अज्ञात चोरों ने चोरी की वारदात को अंजाम दिया था।

बाबा बर्फानी कॉलोनी में भी ये ही हाल
ड्रीमलैंड कॉलोनी के आगे बसी बाबा बर्फानी कॉलोनी में रहने वाले तुषार सिडाना सहित अन्य रहवासियों ने कहा कि प्रशासन और जिम्मेदारों के लापरवाह रवैये के कारण वे भी बेहद परेशान हैं। बिजली के तारों के संकट के साथ सड़क, पानी की समस्या से बाबा बर्फानी कॉलोनी के रहवासी भी सालों से जूझ रहे हैं लेकिन उन्हें अभी किसी भी प्रकार की कोई राहत नहीं मिली है।

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