गुरुगोविंद सिंह के साहिबजादों की याद में स्कूलों में मनाया गया वीर बालदिवस
JABALPUR. पूस का महीना सिख धर्म के लिए बलिदान का महीना है, इसी महीने के एक पखवाड़े में गुरुगोविंद सिंह के पूरे परिवार ने अपना बलिदान दिया था। नई पीढ़ी को इस बलिदान से रूबरू कराने मध्यप्रदेश शासन ने 26 दिसंबर को वीर बालदिवस मनाने का निर्णय लिया है। जिसके तहत प्रदेश के स्कूलों में बच्चों ने विविध कार्यक्रम प्रस्तुत किए, साथ ही गुरु गोविंद सिंह के वीर पुत्रों साहिबजादे जोरावर सिंह और फतेह सिंह के बलिदान को जाना।
अब हर साल मनाया जाएगा वीर बालदिवस
इस संबंध में जिला शिक्षा अधिकारी घनश्याम सोनी ने बताया कि 26 दिसंबर यानि गुरुगोविंद सिंह साहब के साहबजादों का बलिदान दिवस, मातृभूमि के लिए दिए गए उनके बलिदान को श्रद्धासुमन अर्पित करने और नई पीढ़ी को उनसे परिचित कराने मध्यप्रदेश शासन ने तमाम स्कूलों में वीर बाल दिवस मनाने का निर्णय लिया है। जिसके तहत मॉडल हाईस्कूल में वीर बालदिवस मनाया गया। इस दौरान बच्चों ने मार्शल आर्ट्स, योग और विभिन्न माध्यमों से प्रदर्शन दिया।
आज भी पूस के महीने में जमीन पर सोते हैं सिख परिवार
दरअसल पूस के महीने में चमकौर में हुए युद्ध में गुरुगोविंद सिंह के दो बड़े बेटों ने हजारों की तादाद में हमला करने आई सेना से लोहा लिया था और गुरु गोविंद सिंह के सुरक्षित चमकौर से बाहर निकलने तक सेना को अदम्य साहस दिखाते हुए रोककर रखा था। वहीं गुरुगोविंद सिंह के दो छोटे साहिबजादों को मुगलों की कालकोठरी में पूस के महीने में फर्श पर सोना पड़ा था और बाद में उन्हें मुगल बादशाह के कहने पर सजा ए मौत दे दी गई थी। मातागुजरी और गुरुगोविंद सिंह साहब के दो साहिबजादों की याद में आज भी सिख परिवार पूस के महीने में जमीन पर सोते हैं।