3 डॉक्टर्स के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज : विरोध में आज सागर जिले के सभी निजी क्षेत्र के सोनोग्राफी सेंटर रहे बंद
डॉक्टर्स के खिलाफ गलत रूप में केस दर्ज करना पुलिस द्वारा कानून की इरादतन हत्या का प्रयास - डॉ सर्वेश जैन

यश भारत (संभागीय ब्यूरो)/ पांच दिन की नवजात बच्ची की मृत्यु के नौ माह पुराने मामले में 3 डॉक्टर्स के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज किए जाने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। आरोपी डॉक्टर्स के समर्थन में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के सामने आने के बाद गतिरोध और बढ़ गया। डॉक्टर्स पर केस दर्ज किए जाने के खिलाफ आज सागर जिले के सभी निजी क्षेत्र के सोनोग्राफी सेंटर बंद रहे।
उक्त मामले में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन आक्रामक रुख अपनाए हुए है और सोनोग्राफी सेंटर की यह हड़ताल अनिश्चित काल तक जारी रहने की घोषणा की गई है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के सागर ब्रांच अध्यक्ष प्रोफेसर डा सर्वेश जैन ने कहा कि बच्ची के हृदय में जन्मजात विकृति थी जिसके ऊपर सिवाय परमात्मा के किसी का वश नहीं था। ऐसे मामले में बहुत हद तक उपभोक्ता फोरम में सेवा में कमी का मामला बनता था। उन्होंने आरोप लगाया है कि पुलिस ने इंदौर की किसी मजिस्ट्रेट मैडम के प्रभाव में गैर इरादातन हत्या का केस बनाया है। पुलिस की इस कार्य प्रणाली को उन्होंने पुलिस द्वारा कानून की इरादतन हत्या का प्रयास ठहराया है।उन्होंने गलत रूप से दर्ज किए गए इस केस के मामले में जिम्मेदार पुलिस अधिकारी व कर्मचारियों के खिलाफ निलंबन की कार्यवाही से कम पर काम पर वापस आने से इंकार किया है। आईएमए अध्यक्ष ने डॉ सर्वेश जैन ने बताया कि इस मामले को लेकर रजिस्ट्रार हाईकोर्ट जबलपुर और डिस्ट्रिक्ट जज इंदौर को भी आवेदन देंगे।
विरोध प्रदर्शन और आंदोलन को लेकर आई एम ए के अध्यक्ष डॉ सर्वेश जैन ने बताया कि कल सुबह आईएमए की एक्जीक्यूटिव कमेटी की मीटिंग के बाद परसों सुबह आठ बजे से पूरे सागर जिले में चौबीस घंटे के मेडिकल ब्लैकआउट की घोषणा की जायेगी। जिसमें शनिवार सुबह से रविवार सुबह तक सागर जिले के सारे निजी क्लीनिक, अस्पताल और लैब बंद किया जाना प्रस्तावित है।
सचिव डा राजेश पटेल ने बताया संबंधित पुलिस वालों पर उनके ही थाने में एफआईआर दर्ज करने की मांग के साथ इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की सागर ब्रांच कल शुक्रवार को शाम साढ़े छह बजे शहीद कालीचरण चौराहे पर मोमबत्ती जलाकर अपना मौन विरोध प्रदर्शन करेगी। मंगलवार तक इस संबंध में कोई पुख्ता एक्शन न होने पर सात दिन की हड़ताल की जाएगी।