
देश में वर्तमान में जो राजनीति का स्वरुप है वह खतरनाक है। हो सकता है कि मैं गलत हूं। इंडिया में मूल् यों पर राजनीति होती थी, लेकिन अब व्यक्तिगत राजनीति होती है। यह ना मुझे मंजूर है ना ही देश को। 2014 से 2023 के बीच राजनीति का जो अवमूल्यन हुआ है वह खतरनाक है। जिसके लिए सत्तासीन पार्टी ही उत्तरदाई है। यह कहना है राज्यसभा सांसद विवेक तंखा का। मीडिया को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि देश में प्रजातांत्रित अवमूल्य हुआ है। जो सही नहीं है।
व्यक्तिगत निर्णय से बचना चाहिए
श्री तंखा ने नोटबंदी को लेकर अपनी बेबाक राय रखते हुए कहा कि सभी को पता है कि देश में नोटबंदी करना एक व्यक्तिगत निर्णय है। हमें किसी भी व्यक्तिगत निर्णयों से बचना चाहिए। प्रजातांत्रित सरकार में ऐसा नहीं होना चाहिए।
जनता ने भाजपा को दिया बहुमत
वहीं कांग्रेस ने इस को मुद्दा बनाया, लेकिन जनता ने भाजपा को पूर्ण बहुमत दिया। इस प्रश्र के उत्तर पर श्री तंखा ने कहा कि बहुमत देना और गलत निर्णय करना देानेां अलग-अलग बातें है।
नई शिक्षा नीति पर किया प्रहार
श्री तंखा ने नवीन शिक्षा नीति को लेकर कहा कि सरकार मुगलों का इतिहास मिटा रही है। लेकिन यह समझ से परे है कि मुगलों का 200 साल का इतिहास आखिर मिट कैसे सकता है। उन्होंने कहा कि मैने तो ट्वीट भी किया था। आप क्या पृथ्वीराज चौहान को हटाओगे। उसके साथ हुए युद्ध को हटा दोगे। आज जनता को जानकारियां दे और उस पर छोड़ दें। आज वैसे भी इंटरनेट का युग है। दूसरों की सोच को आप खत्म नहीं कर सकते।
गुलाब नबी आजाद की पुस्तक पर बवाल
श्री तंखा ने गुलाब नबी की आजाद पुस्तक के विषय में कहा कि वह अब आजाद हो गए है उनको कांग्रेस में बहुत महत्व मिला और मैं होता तो इतने महत्व से संतुष्ट होता।
राहुल गांधी पर अटैक कर, कद बढ़ाना चाहते है नेता
वहीं, राहुल गांधी पर हो रहे अटैक और ट्वीट की राजनीति पर उन्होंने कहा कि भाजपा के नेता पार्टी में अपना कद बढ़ाने के लिए उनपर अटैक कर रहे है। अब उनको इसका कितना फायदा मिलेगा यह तो वक्त ही बताऐगा।
मध्यप्रदेश विस चुनाव जीतने का कांग्रेस के पास अच्छा मौका
श्री तंखा ने मध्यप्रदेश में आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर कहा कि कमलनाथ का सक्षम नेत्रत्व है। वह सभी से परिचित है। उनका ही नेत्रत्व में यह चुनाव लड़ा जाएगा। मगर मैं जरुर कहना चाहूंगा कि कांग्रेस के पास अच्छा मौका है वापस आने का । लेकिन एक कमी है कि खाली कांग्रेस कार्यकर्ता के सम्मेलनों से हम चुनाव नहीं जीत पाएंगे।हमें सभी वर्गों के पास जाना पड़ेगा। अभी 6 महिने है और यह कमी भी जल्द पूरी हो जाएगी। इस तरह से श्री तंखा ने कश्मीरी पंडितों को लेकर कहा कि भाजपा पंडितों को वैली में कभी नहीं बस सकती। इस तरह से परिवारवाद और देश की राजनीति में आए परिवर्तनों पर श्री तंखा ने कहा कि जो पार्टी युवाओं को मौका देगी वह सफलता पाएगी। साथ ही लोकलुभावन वायदों में फांसकर जनता से वोट मांगने की अपील पर उन्होंने कहा कि पार्टियोंं में रचनात्मक द्वंद होना चाहिए। जिससे देश की अर्थव्यवस्था को नुकसान ना हो। इसी प्रकार न्यायपालिको को दबाने के मुद्द में श्री तंखा ने कहा कि न्यायपालिका स्वतंत्र है। इस दौरान श्री तंखा ने अपने पिता जस्टिस आरके तंखा द्वारा 1975 में इमरजेंसी के खिलाफ दिए जजमेंट का जिक्र भी किया। जिसे 13 हाईकोर्ट ने फॉलो किया था और कहा कि सत्तासीन पार्टी ने सीबीआई, ईडी को कब्जे में ले रखा है लेकिन न्यायपालिका पूरी तरह से स्वतंत्र है।