जबलपुरमध्य प्रदेशराज्य

यश भारत खास रिपोर्ट : 24 लाख की योजना अधर में, जिम्मेदार बेपरवाह : दूर-दूर से ग्रामीण पानी लाकर बुझा रहे प्यास

नल जल योजना नहीं हो सकी शुरू

नरसिंहपुर/तेंदूखेड़ा यशभारत। चांवरपाठा विकास खंड के अंतर्गत आने वाले आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों में पेयजल की गंभीर स्थिति बनी हुई है। नदी किनारे बैठे हुए लोग भी पेयजल के लिए तरस रहे हैं।

 

जानकारी अनुसार यश भारत संवाददाता को मर्रावन इमलिया खकरैडी ब्रम्हनी के लोगों ने बताया कि उनके यहां पेयजल आपूर्ति की गंभीर स्थिति है। संबंधित ठेकेदार गांव में पाइप लाइन तो बहुत पहले बिछाकर चला गया लेकिन पानी की सप्लाई आज तक नहीं हो पाई है। पुराने गड्ढों से ही लाइन जोड़कर किसी भी तरह से पानी पंहुचाया जा रहा है। लेकिन वह भी हर घर तक नहीं पंहुच रहा है। ग्राम के सरपंच का कहना है कि पूर्व मे जो गड्ढा किया गया था उसमे से पानी न निकलने की स्थिति मे दूसरा गड्ढा खोदा गया था। जिसमें लाइन डाली गई लेकिन उसमें जो विद्युत मोटर डाली गई है वह सात की जगह दो-तीन हॉर्स पॉवर की ही डाल रखी है। जिस कारण से वह पानी नहीं फेंक पा रही है। यहां पर 24 लाख की योजना मे मात्र अभी तक 12 लाख ही खर्च हुये है।

गांव के लोगों को दो से चार होना पड़ता है तब कहीं दूर से हेंडपंपो के माध्यम से पानी लाकर प्यास बुझानी पड़ती है।

स्थिति यह बनी हुई है कि मर्रावन में 24 लाख रुपए की नल जल योजना से काम कराया गया है लेकिन अभी तक आधा ही काम हो पाया है उसमें भी कहीं पाइप लाइन टूटी पड़ी हुई है तो कहीं बाल खराब है। गांव के लोगों को पेयजलापूर्ति नहीं हो पा रही है। ग्राम के सरपंच ने भी पी एच ई विभाग के अधिकारियों को लिखित में जानकारी उपलब्ध कराई गई है फिर भी कोई सुधार ना हो पाना सोचनीय विषय बना हुआ है। चूंकि यही स्थिति खकरैडी ब्रम्हनी में भी बनीं हुई यहां पर सेप्रेट लाइन डाली जानी है लेकिन यहां पर भी काम ना होने की स्थिति में लोग परेशान बनें हुए हैं।

मौआखेडा में काम ही प्रारंभ नहीं हुआ

मर्रावन ग्राम पंचायत के अंतर्गत आने वाले छोटा और बड़ा मौआखेडा में अलग से लाइन डालने का टेंडर हुआ है फिर भी वहां पर अभी तक काम ही प्रारंभ नहीं हुआ है। केवल गड्ढे ही किये गये लेकिन उनमें पानी ना होने के कारण गड्ढे शोभा कर सुपारी बने हुये है। ठेकेदारों की चलती मनमानी के कारण लोग पानी के लिए परेशान हैं तथा अधिकारी वर्ग ध्यान तक नहीं दे रहे हैं। विकासखंड स्तर के अधिकारियों को वस्तु स्थिति का बोध ना होने की स्थिति मे पेयजल समस्या और बिगड़ती चली जा रही है। ग्रामीणों ने तत्काल प्रभाव से पेयजल व्यवस्था को सुचारू कराये जाने की मांग की है।

सर्रा बंधी मे लाइन बिछादी नहीं बनी टंकी

विकासखंड चांवरपाठा के अंतर्गत आने वाले सर्रा बंधी मे लगभग आधे करोड़ रू. की लागत से अलग अलग स्थानों पर पानी की टंकी बनाकर लाइन बिछाई जानी है। यहां पर संबंधित ठेकेदार द्वारा गांव की सड़के खोदकर पहले लाइन तो डाल दी गई थी लेकिन अभी टंकी का निर्माण पूर्ण नहीं हो पाया है। चूंकि लाइने जहां तहां से टूट फूट रहीं है। पेयजल समस्या को देखते हुये यहां के सरपंच ने एक ट्यूबेल से इन लाइनों के माध्यम से पानी के लिये प्रयास किये थे। लेकिन लाइन मे जहां तहां लीकेज होने के कारण पानी ना पंहुचने की स्थिति में आगे बात नहीं बढ़ सकी। बल्की गांव मे कीचड़ पूर्ण माहौल और निर्मित हो गया था। चूंकि यह स्थिति संपूर्ण विकासखंड की कुछ इसी तरह से बनी हुई है और यहां पर विकासखंड स्तर के पीएचई के अधिकारी है उन्हें इस मामले मे कोई वस्तु स्थिति की कोई जानकारी नहीं है।

 

जिसका फायदा संबंधित ठेकेदारों द्वारा उठाया जा रहा है। ग्रामीणों ने तत्काल प्रभाव से मांग की है कि इन ठेकेदारों पर सिकंजा कसते हुये जानकार अधिकारियों को ही चांवरपाठा विकासखंड मे भेजा जाये। सबसे बड़ा सोचनीय विषय तो यह है कि गर्मी शुरू होने के पूर्व ही क्षेत्रीय विधायक विश्वनाथ सिंह पटेल ने प्रत्येक गांव मे मूलभूत सुविधाओं को दृष्टिगत रखते हुये पेयजल हर संभव मुहैया कराये जाने की दिशा मे वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराया गया था। फिर भी इस दिशा मे अधिकारियों और ठेकेदारों ने कोई उचित ध्यान नहीं दिया। यदि अधिकारी सही तरीके से ध्यान देते तो आज यह स्थिति निर्मित ना होती।

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Yash Bharat

Editor With मीडिया के क्षेत्र में करीब 5 साल का अनुभव प्राप्त है। Yash Bharat न्यूज पेपर से करियर की शुरुआत की, जहां 1 साल कंटेंट राइटिंग और पेज डिजाइनिंग पर काम किया। यहां बिजनेस, ऑटो, नेशनल और इंटरटेनमेंट की खबरों पर काम कर रहे हैं।

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