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मध्य प्रदेशराज्य

11 बच्चों को मिली मोतियाबिंद से मुक्ति : आरबीएसके की पहल से जन्मजात बीमारी से 0 से 18 वर्ष के बच्चों को मिल रहा लाभ

मण्डला lआदिवासी बाहुल्य जिला मंडला के विकासखंडों में मोतियाबिंद से पीडि़त बच्चों का जिला चिकित्सालय मंडला में सफल सर्जरी की गई। इस सर्जरी के बाद अब इन 11 बच्चों को मोतियाबिंद से मुक्ति मिली है। अब बच्चों की आंखे कुछ ही दिनों में स्वस्थ हो जाएगी। बताया गया कि आरबीएसके अंतर्गत 0 से 18 वर्ष तक के 11 बच्चों की जन्मजात और ट्रॉमेटिक मोतियाबिंद की सफल सर्जरी की गई। आरबीएसके टीम द्वारा स्कूलों और आंगनवाडी केन्द्रों में जाकर बच्चों की स्क्रीनिंग की गई थी, जिसमें 17 बच्चे मोतियाबिंद से पीडि़त के चिन्हित किये गए थे। मोतियाबिंद शिविर के पहले चरण में 11 बच्चों की सफल सर्जरी की गई। जानकारी अनुसार राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत जिला चिकित्सालय मंडला में जन्मजात मोतियाबिंद से जूझ रहे बच्चों के लिए एक विशेष सर्जरी शिविर का आयोजन किया गया।

इस शिविर में जिले के बिछिया, मवई, निवास, मोहगांव, घुघरी और नैनपुर ब्लाक के 17 बच्चों को चिन्हित किया गया था। शिविर के पहले चरण में जिले भर से आए कुल 11 बच्चों को सफल सर्जरी के लिए जिला चिकित्सालय के वार्ड नंबर 52 में भर्ती किया गया था, जहां सर्जरी से पहले बच्चों की सभी जांचे की गई। रिपोर्ट के बाद मंगलवार को सभी बच्चों का ऑपरेशन नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. तरुण अहरवाल द्वारा किया गया। सर्जरी के बाद इन बच्चों के जीवन में नई रोशनी आई।

बताया गया कि 19 मई को जिला चिकित्सालय मंडला में आयोजित शिविर में चिन्हांकित सभी 11 बच्चों को आई वार्ड नंबर 52 में भर्ती किया गया था। मंगलवार सुबह नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. तरुण अहरवाल, एनेस्थेसिया विशेषज्ञ डॉ. प्रवीण उइके, डॉ. अनूप कुशराम और चिकित्सीय टीम में हीरानंद चंद्रवंशी, संजय भोयर, नर्सिंग ऑफिसर वैशाली सहलाम, सूर्या पटेल और पूजा बर्मन शामिल थी। चिकित्सकीय टीम द्वारा सफलतापूर्वक इन सभी बच्चों की नि:शुल्क सर्जरी की। इस दौरान सीएमएचओ डॉ. केसी सरोते, सीएस डॉ. विजय सिंह धुर्वे, नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. तरुण अहरवाल, उप प्रबंधक अजय सैयांम, आरबीएसके प्रबंधक अर्जुन सिंह, आरबीएसके डॉक्टर और एएनएम के साथ आई ओपीडी, ओटी का स्टाफ उपस्थित रहा।
सर्जरी ये बच्चें हुए लाभान्वित
बताया गया कि मोतियाबिंद से ग्रसित बच्चों में महिमा 7 वर्ष पिता धर्मवीर ग्राम बर्रा खमरिया मवई, तरूण 6 वर्ष पिता झानक लाल ग्राम पिपरिया निवास, ज्योति मार्को 6 वर्ष पिता राजेंद्र ग्राम खमरिया निवास, नीरज 14 वर्ष पिता दिलीप परते ग्राम पीपरडॉन घुघरी, अंकित 11 वर्ष पिता राकेश यादव ग्राम चारगांव नैनपुर, धर्मेन्द्र 8 वर्ष पिता अमृत परस्ते ग्राम नयाटोला मवई , अक्षय यादव 8 वर्ष पिता अजय ग्राम दादी मवई, शेख आर्यन 13 वर्ष पिता आकलम ग्राम तबलपानी घुघरी, नकुल वरकड़े 15 वर्ष पिता दिलीप ग्राम जामगांव नैनपुर, साहिल मरकाम 10 वर्ष पिता नंदलाल ग्राम बहराटोला घुघरी, अंकित परस्ते 7 वर्ष पिता अमराट ग्राम नयाटोला मवई की नि:शुल्क सर्जरी नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ तरूण अहरवाल द्वारा जिला चिकित्सालय मंडला मंि की गई।
मोतियाबिंद एक गंभीर नेत्र रोग
नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. तरुण अहरवाल ने बताया कि मोतियाबिंद एक नेत्र रोग है जो आमतौर पर बच्चों में जन्मजात, चोट लगने से या बढ़ती उम्र के साथ होता है। यह लेंस में सफेद परत या धुंधलेपन के कारण होता है, जिससे धुंधली, फीकी या धुंधली दृष्टि होती है। इस बीमारी के सामान्य लक्षण है, जिसमें दूर की चीजों का धुंधला दिखना या रंगों का फीका दिखाई देना। रात में खासकर कम रोशनी में देखने में कठिनाई। तेज रोशनी से आँखें चुंधियाना या देखने में दिक्कत होना। रंगों का पहले से फीका या पीला दिखाई देना। मोतियाबिंद आमतौर पर जन्मजात, चोट, उम्र बढऩे, मधुमेह, आँखों में चोट, कुछ दवाओं के उपयोग या पारिवारिक इतिहास के कारण होता है। इसके साथ ही लेंस में प्रोटीन और फाइबर के टूटने से दृष्टि धुंधली हो जाती है।
मोतियाबिंद का सर्जरी ही एकमात्र समाधान
सिविल सर्जन डॉ. विजय सिंह धुर्वे ने बताया कि सर्जरी ही मोतियाबिंद को हटाने और स्पष्ट दृष्टि को बहाल करने का एकमात्र तरीका है। इस सर्जरी के दौरान एक नेत्र रोग विशेषज्ञ धुंधले प्राकृतिक लेंस को हटाकर उसकी जगह एक इंट्राओकुलर लेंस लगाता है, जो आँख में स्थायी रूप से रहता है। सीएमएचओ डॉ. केसी सरोते ने आम जनता से अपील की है कि मोतियाबिंद एक गंभीर स्थिति है, जिसका इलाज न करने पर यह अंधापन का कारण बन सकता है। मोतियाबिंद तब खतरनाक होता है जब यह परिपक्व हो जाता है, इसके कारण दृष्टि में काफी गिरावट आ जाती है। उन्होंने माता-पिता से आग्रह किया कि यदि बच्चों में मोतियाबिंद के लक्षण दिखें तो सही समय पर उपचार कराए।

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