देश

होली के रंगों से गुलज़ार हुआ कटनी का बाजार, सज गईं गुलाल-अबीर और पिचकारियों की दुकानें

कटनी, यशभारत। रंगों का त्योहार होली एक बार फिर से दहलीज पर है। जिसमें रंगों से रंगने के लिए हर कोई तैयार है। भारतीय समाज में त्योहार के बहुत से पौराणिक, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व हैं, लेकिन आधुनिक समाज ने इन सब में जो सबसे अहम चीज पिछले कुछ दशकों में जोड़ी है, वह है शॉपिंग। याने कोई भी त्योहार आया नहीं लोगों की तैयारियां उसे मनाने की शुरू हो जाती है। ऐसी लोगों की तैयारियों को लेकर होली में होने वाली खरीदी के लिए बाजार धीरे- धीरे पूरी रंगत में आते जा रहे हैं। जहां कच्चे से लेकर पक्के खेले जाने वाले रंग और अबीर के ढेरों बैरायटियां मौजूद हैं। जिनकी डिमांड बढ़ती जा रही हैं। होली को लेकर अभी से लोग खरीदी के कार्य में जुट गए हैं ताकि उस दिन होने वाली भीड़-भाड़ से बच सकें।

बच्चों के लिए पिचकारियां

होली का त्योहार हर किसी के जीवन में हजारों खुशियां लेकर आता है जिसमें बड़ों से लेकर बच्चे शामिल रहते हैं। लेकिन खासकर यह त्योहार बच्चों को बेहद पसंद होता है जिसमें पिचकारियों से एक दूसरे को रंगना, रंग लगाना बहुत पसंद आता है। ऐसे ही बच्चों के लिए उनकी पसंद की पिचकारियां भी मार्केट में आ चुकी हैं। होली के मौके पर बच्चों के भीतर सबसे ज्यादा उत्साह होता है। बच्चे होली के मौके पर रंगों और पिचकारियों की प्रतीक्षा करते हैं। बाजार में, बच्चों के लिए कई तरह की पिचकारियां आजकल उपलब्ध उपलब्ध हैं। बच्चों की पसंद के कार्टून कैरेक्टर जैसे छोटा भीम, डोरेमोन, बेटेन, शिनचैन जैसी आकृतियां भी मौजूद हैं। इसके अलावा गन और वाटर टैंक वाली पिचकारियां भी बाजार में उपलब हैं।

दुकानों में खिलने लगे रंग

होली का पर्व हमेशा से भाई चारे और प्रेम का त्योहार माना जाता है जिसमें लोग रंग-गुलाल को लगाकर अपने वैचारिक मतभेद को मिटाते हैं। ऐसे प्रेम के प्रतीक इस रंग के त्योहार में होली के रंगों के रंग उन दुकानों में खिलने लगे हैं जो हर साल होली के रंगों और पिचकारियों का व्यवसाय कार्य से जुड़े रहते हैं। जहां लोगों के डिमांड को देखते हुए हर बार नए-नए रंग उपलब्ध रहते हैं।

फेस्टिवल को लेकर उल्टी गिनती शुरू

लोगों के बीच सबसे ज्यादा लोकप्रिय माने जाने वाले त्योहार होली को लेकर लोगों में उल्टी गिनती शुरू हो चुकी हैं। लोगों में भारी उल्लास का मौहाल छाया हुआ है। हर कहीं लोगों में यही उत्सुकता व्याप्त है कि कब होली का दिन आए जिसमें लोग रंग से एक-दूसरे का रंग सकें।

ईको फ्रेंडली होली की भी तैयारी

इसके साथ ही लोगों में ईको फ्रेंडली होली खेलने को लेकर भी भारी उत्साह का मौहाल है। जो लोगों को आपस में रंगों से खेले जाने वाले होली के हानिकारक प्रभाव के बारे में अभी से चर्चा करना शुरू कर दिया है ताकि रंगों से होने वाली बीमारियों से लोगों को बचाया जा सके।IMG 20250311 162216364 HDR

IMG 20250311 162249350 HDR IMG 20250311 162224865 HDR IMG 20250311 162210194 HDR

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
WhatsApp Icon Join Yashbharat App