हाई कोर्ट ने खारिज की लोकसभा व विधानसभा उपचुनाव रोकने के लिए दायर जनहित याचिका
जबलपुर, । मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने राज्य के लोकसभा व तीन विधानसभा के उप चुनाव कोरोना की तीसरी लहर की समाप्ति के बाद कराए जाने के लिए दायर जनहित याचिका खारिज कर दी है। मुख्य न्यायाधीश मोहम्मद रफीक और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की युगलपीठ ने कहा कि चुनाव आयोग ने अभी उपचुनाव की अधिसूचना जारी नहीं की है। लिहाजा, जनहित याचिका अपरिपक्व, प्री-मेच्योर होने के कारण खारिज करने योग्य है।
याचिका में बताया जल्द होने वाले हैं उपचुनाव
नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच के प्रांताध्यक्ष जबलपुर निवासी डा. पीजी नाजपांडे और नयागांव, जबलपुर निवासी सामाजिक कार्यकर्ता रजत भार्गव की ओर से दायर जनहित याचिका में कहा गया था कि मध्यप्रदेश में खंडवा लोकसभा और रैगांव, पृथ्वीपुर और जोबट विधानसभा के उपचुनाव जल्द होने वाले हैं। अधिवक्ता दिनेश उपाध्याय ने दलील दी कि विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि कोरोना की तीसरी लहर जल्द आ सकती है। इसको देखते हुए कोरोना की तीसरी लहर की समाप्ति के बाद प्रदेश में उपचुनाव कराए जाएं। चुनाव आयोग की ओर से अधिवक्ता सिद्धार्थ सेठ ने दलील दी कि चुनाव आयोग ने कोरोना की गाइड लाइन जारी कर दी है। जब भी चुनाव कराए जाएंगे, कोरोना की गाइड लाइन के अनुसार ही कराए जाएंगे। फिलहाल प्रदेश में उपचुनाव की अधिसूचना जारी नहीं की गई है। श्री सेठ ने साफ किया कि चुनाव कराना चुनाव आयोग का संवैधानिक दायित्व है। सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट्स ने चुनाव को लेकर दायर याचिकाओं पर हस्तक्षेप करने से इन्कार किया है। सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने जनहित याचिका खारिज कर दी।