सुप्रीम कोर्ट में दायर एक याचिका में चुनाव के समय मुफ्त सेवा के वादे की घोषणा करने वाले राजनीतिक दलों का पंजीकरण रद्द करने की मांग की गई। इस पर सुनवाई के दौरान चुनाव आयोग ने आज सुप्रीम कोर्ट को बताया कि यह राजनीतिक दलों का नीतिगत निर्णय है। उन पर कार्रवाई का अधिकार हमारे पास नहीं है। इस मामले में कोर्ट दिशा-निर्देश तैयार कर सकता है।
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