सात फेरों से पहले जेल:लड़के वालों को चाहिए थी अफसर बहू, तो बॉयफ्रेंड के प्यार में पड़ी लड़की बन गई BSF की फर्जी असिस्टेंट कमांडेंट

एक पुरानी कहावत है कि इश्क और जंग में सब जायज है। इश्क के जुनून में डूबी 22 साल की सनमति क्षिप्रे ने शायद इसका मतलब समझने में थोड़ी सी चूक कर दी। और अब वह जेल में है। दरअसल सनमति ग्वालियर के एक बैंक कर्मचारी से प्यार करती है। उससे हर हाल में शादी करने के लिए सनमति ने BSF BSF अकादमी टेकनपुर में असिस्टेंट कमांडेंट का फर्जी जॉइनिंग लेटर घर पर ही बना डाला। उसे अपनी यह हरकत प्यार में जायज लगी। इसकी वजह यह थी कि लड़के के घर वालों को अफसर बहू चाहिए थी। सनमति ने तो सोचा था कि शादी होने के बाद वह सब बता देगी। पर मामला उलटा पड़ गया। शादी से पहले ही उसके भावी ससुराल वाले उसकी जॉइनिंग कराने BSF अकादमी ले गए, वहां उसकी पोल खुल गई। अफसरों ने पुलिस बुलाकर उसे फ्रॉड केस में गिरफ्तार करा दिया। सनमति महाराष्ट्र की रहने वाली है। उसे ग्वालियर के डबरा के रहने वाले बैंक कर्मचारी से प्यार है। वह उससे शादी भी करना चाहती थी। लड़का महाराष्ट्र के कोल्हापुर में ही जॉब करता है। लेकिन जब सनमति को पता चला कि लड़के की फैमिली को अफसर बहू चाहिए थी, तो उसने अपना प्यार पाने की खातिर एक झूठी कहानी गढ़ी। उसने इंटरनेट से कुछ पुराने जॉइनिंग लेटर निकाले। उनमें हेरफेर कर BSF अकादमी टेकनपुर में असिस्टेंट कमांडेंट का फर्जी जॉइनिंग लेटर घर पर ही बनाया। लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। सात फेरों से पहले सनमति को जेल जाना पड़ गया।
लेटर पर जिस ऑफिसर के साइन, वे 2012 में हो चुके रिटायर
सनमति 21 फरवरी को BSF अकादमी टेकनपुर (ग्वालियर) में लेटर लेकर असिस्टेंट कमांडेंट की ट्रेनिंग लेने पहुंची थी। वहां जैसे ही उसने अपना जॉइनिंग लेटर दिया तो ट्रेनिंग ऑफिसर अपनी सीट से उठ खड़े हुए। दरअसल, लेटर पर डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल BSF डीके उपाध्याय के सिग्नेचर थे। लेकिन वे तो 2012 में ही रिटायर हो चुके थे। इस फर्जीवाड़े का पता चलते ही BSF ऑफिसर ने पुलिस बुला ली। पहले तो लड़की पुलिस को गुमराह करती रही। उसने पुलिस को बताया कि कोल्हापुर में एक व्यक्ति ने उससे ढाई तोला सोना और 20 हजार रुपए लेकर जॉइनिंग लेटर दिया है। इसकी पड़ताल के लिए पुलिस लड़की को लेकर कोल्हापुर भी पहुंची। वहां वह लेटर देने वाले व्यक्ति के बारे में कुछ नहीं बता सकी। उससे फिर सख्ती पूछताछ हुई। तब उसने बताया कि यह लेटर उसने ही बनाया है।