सरल ऐप काम किया कठिन, बूथ के चक्कर काटने मजबूर भाजपा के सांसद-विधायक
जबलपुर, यशभारत। नगर निगम चुनावों के बाद भारतीय जनता पार्टी एक बार फिर संगठन को मजबूत करने में जुट गई है। इस बार संगठनात्मक कार्यों की जिम्मेदारी पार्टी द्वारा सीधे जनप्रतिनिधियों को दी गई है, जिसमें सबसे प्रमुख बात यह है कि पूरे कार्यक्रम की मॉनिटरिंग सीधे राष्ट्रीय मुख्यालय से हो रही है। जानकारी के मुताबिक भाजपा ने अपने विधायकों और सांसदों को बूथ मजबूत करने का काम दिया है । जिसमें उन बूथों को चिन्हित किया गया है ,जहां पार्टी हारी है या फिर पार्टी की स्थिति कमजोर है। जिसको लेकर प्रत्येक विधायक को 25 बूथ और संसद को 100 बूथ दिए गए हैं। जहां वे व्यक्तिगत रूप से जाकर कार्यकर्ताओं की बैठक लेंगे और बूथ लेवल पर रणनीति तैयार करेंगे।
सरल ने किया काम कठिन
अक्सर देखने को मिलता है कि चुनाव जीतने के बाद नेता संगठन को छोड़कर व्यक्तिगत स्तर पर अपनी राजनीतिक जमीन तैयार करने में लग जाता है । लेकिन इस बार भाजपा ने संगठन को मजबूत करने के लिए सीधे जनप्रतिनिधियों को ही जिम्मेदारी पकड़ा दी है । जिसकी मॉनिटरिंग सीधे राष्ट्रीय मुख्यालय कर रहा है,जिसके लिए एक ऐप तैयार किया गया है जिसका नाम है सरल ऐप। विधायक और सांसद रोज की गतिविधियों और कार्यक्रमों की जानकारी इस के माध्यम से पार्टी को देना हैं ,जो सिंगल क्लिक पर दिल्ली से लेकर भोपाल तक पहुंच जाती है। इसमें प्रमुख बात यह है कि यदि कार्यक्रम के संचालन में किसी भी तरह की हीला हवाली सामने आती है तो तत्काल दिल्ली से विधायक और सांसद के पास मैसेज आ जाता है जिसके चलते यह काम सरल ऐप कारण कठिन हो गया है।
चार विधायक, दो सांसद मैदान में
जिले में पार्टी के इस कार्यक्रम के लिए चारों विधायकों और दोनों सांसदों को जिम्मेदारी दी गई है जिसमें तीन विधायक ग्रामीण क्षेत्र के हैं वहीं शहर का एक विधायक है। इसके साथ ही लोकसभा सांसद व राज्यसभा सांसद भी इस काम में लगाए गए हैं। जिन 4 विधानसभा सीटों में पार्टी के विधायक नहीं है वहां पर सांसद काम कर रहे हैं। इसके साथ ही आने वाले समय में यह जिम्मेदारी पूर्व विधायकों या संगठन के वरिष्ठ पदाधिकारियों को दी जाएगी। इस पूरे कार्यक्रम के पीछे पार्टी की मंशा बड़े नेताओं खास तौर पर जनप्रतिनिधियों और राष्ट्रीय स्तर के नेताओं को बूथ में उतार कर काम करवाना है जिससे कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ सके।