जबलपुरमध्य प्रदेश

सरकार के निजीकरण का विरोध : यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के आव्हान पर गोलबाजार में जंगी प्रदर्शन

जबलपुर, यशभारत। सरकारी बैंक की ब्रांचों में 16 दिसंबर को ताले लग गए। हजारों बैंक कर्मियों के 2 दिन की हड़ताल पर जाने से यह हालात बने। जो बैंकों के निजीकरण को लेकर किए जा रहे प्रयासों का विरोध कर रहे हैं। जिसके चलते जबलपुर के गोलबाजार में यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के आव्हान पर गोलबाजार में जंगी प्रदर्शन किया गया। ऐसे में शनिवार को बैंक जरूर खुलेंगे, लेकिन रविवार को छुट्टी होने से फि र बंद हो जाएंगे। ऐसे में 20 दिसंबर को ही बैंकों में बेहतर कामकाम होगा।

यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के आव्हान पर बैंक कर्मचारियों द्वारा भारत सरकार के प्रस्तावित बैंकों के निजीकरण का विरोध किया जा रहा है। इसी के चलते निजीकरण के विरोध में सभी सार्वजनिक क्षेत्रों के बैंकों के अधिकारी एवं कर्मचारी 16 व 17 दिसंबर 2021 को हड़ताल पर रहे। यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के घटक दलों के प्रतिनिधियों द्वारा निजीकरण से होने वाली समस्याओं से उत्पन्न होने वाली स्थिति के संबंध में अनेक बैठकों में सरकारी की वित्त व्यवस्था से संबंधित समिति के समक्ष रखा, परंतु सरकार की हठधर्मिता से किसी प्रकार का निजीकरण को ना करने का कोई ठोस आश्वासन नहीं दिया गया। जिसके बाद बैंक कर्मचारी एवं अधिकारियों को हड़ताल पर जाना पड़ा।

घाटे में गईं वित्तीस संस्थाएँ
बैंकों में कुल जामाओं का 65 से 70 प्रतिशत हिस्सा पब्लिक सेंक्टर बैंकों का है। ग्राहकों की इस जमा राशि की सुरक्षा की गारंटी के लिए राष्ट्रीयकृत बैंकों का अस्तित्व बने रहना आवश्यक है। भारतीय जमा कर्ता भी अपनी राशि की सुरक्षा चाहते है। पिछले कुछ समय से यश बैंक, लक्ष्मी विलास बैंक, दीवान हाउसिंग फायनेंस आदि वित्तीय संस्थाएं व निजी बैंक घाटे में जाकर विफल
हो चुकी हैं।

ये रहे उपस्थित
धरना प्रदर्शन में यूएफबीयू जबलपुर इकाइ के संयोजक विजय कुमार मिश्र, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ऑवार्ड स्टाफ, कर्मचारी, यूनियन के उप महासचिव प्रशांत खरे, भारतीय स्टेट बैंक अधिकारी संघ के अध्यक्ष विवेक रंजन चौबे, पंकज गुप्ता, संजय बघेल, श्रीमती वेणू राठी, तरुण डिकाटे एवं कर्मचारी संघ के ऋषि पांडे, प्यूष मिश्रा, भूपेन्द्र बरकड़े, दीपक रैकवार, श्रीमती नीलम चौबे, पंजाब नेशनल बैंक के संजीव कुमार, धीरेन्द्र वर्मा, बैंक ऑफ इंडिया के मयंक रजक, अभिषेक दुबे, इंडियन बैंक के संतोष कुमार पाटिल, निशांत कुमार बड़ेरिया, विकास उपाध्याय, केनरा बैंक के आकाश डिकोरा, सतीश समन, आशीष तिवारी, सिंडीकेट बैंक मनोज कोष्ठा, आईओवी संतोष गुप्ता, शशांक सिन्हा आदि का योगदान रहा।

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