सरकार के नए फरमान से गरीब भूखें पेट: जबलपुर में दो माह से गरीबों को नहीं मिल रहा गेहूं सिर्फ चावल लेकर दुकान से लौट रहे गरीब … देखें… वीडियो..
पीएम गरीब कल्याण योजना के तहत सिर्फ चावल मिलेगा, पहले गेहूं मिलता था
जबलपुर, यशभारत। राशन दुकानों में नई व्यवस्था लागू होने से गरीबों की फजीहत हो गई है। दरअसल अब गरीबों को गेहूं नहीं मिलेगा उन्हें सिर्फ चावल दिया जा रहा है। खाद्य आपूर्ति विभाग ने राशन दुकान संचालकों को इसके आदेश जारी करते हुए नए अनुबंध के तहत राशन वितरण करने के निर्देश जारी किए हैं। इधर नई व्यवस्था से गरीब तबके लोग परेशान है। उनका मानना है कि जब बराबर से गेहूं-चावल दिया जा रहा था तो फिर अचानक से सिर्फ चावल देने के आदेश जारी होना समझ से परे हैं। सरकार द्वारा गरीब व जरूरतमंदों को एक रुपए किलो और फ्री में राशन उपलब्ध कराया जा रहा है। इस राशन में पिछले कुछ माह से गेहूं की अपेक्षा चावल अधिक दिया जा रहा है, ऐसे में उपभोक्ताओं को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि मध्यप्रदेश में लोग चावल कम और गेहूं अधिक खाते हैं, ऐसे में उन्हें राशन में गेहूं नहीं मिलने के कारण बाजार से महंगे दाम पर गेहूं खरीदना पड़ेगा।
खाद्य आपूर्ति निगम के मुताबिक राशन दुकान से सामान्य व्यक्तियों को पहले 4 किलो गेहूं और ्र1 किलो चावल दिया जाता था लेकिन अब दो किलो गेहूं और 3 किलो चावल मिलेगा। इसी तरह पीएम गरीब कल्याण योजना के तहत गरीबों को पहले 5 किलो चावल मिलता था लेकिन नए अनुबंध के तहत गरीबों को अब सिर्फ 5 किलो चावल दिया जाएगा। मालूम हो कि योजना के तहत गरीब व जरूरतमंदों को एक रुपए किलो और फ्री में राशन उपलब्ध कराया जा रहा है। इस राशन में पिछले इस दो माह से गेहूं के स्थान में भी चावल दिया जा रहा है, ऐसे में उपभोक्ताओं को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जिले में चावल गेहूं की मांग लगभग बराबर है। ऐसे में उन्हें राशन में गेहूं नहीं मिलने के कारण बाजार से महंगे दाम पर गेहूं खरीदना पड़ेगा। जिसके चलते मंडी में भी गेहूं के दाम बढऩे लगे हैं।
दो माह से लागू है नई व्यवस्था
जिला खाद्य आपूर्ति नियंत्रक नुजहत बानो बुकई ने बताया कि राशन वितरण में हुए बदलाव को दो माह हो चुकें है। शासन स्तर से निर्णय होने के बाद राशन दुकानों में यह नई व्यवस्था के तहत राशन वितरण किया जा रहा है। इस संबंध में उपभोक्ताओं की तरफ से भी कोई शिकायत नहीं आई है।
गेहूं बाजार से खरीदना पड़ रहा है
दूसरी ओर राशन दुकानों से जो गरीब सस्ता अनाज लेकर अपने परिवार का भरण-पोषण करते आ रहे हैं, उन्हें अभी से यह चिंता सताने लगी है कि यदि राशन दुकान से अत्यधिक मात्रा में सिर्फ चावल मिलेगा तो अपनी जरूरत का गेंहू बाजार से कैसे खरीदेंगे। क्योंकि गेहूं बाजार में मंहगा है।