शारीरिक शोषण:महिला पुलिसकर्मी शोषण मामले में निलंबित टीआई अयाची को नहीं मिली अग्रिम जमानत
निलंबित टीआई संदीप अयाची की अपर सत्र न्यायाधीश उर्मिला यादव की कोर्ट ने अग्रिम जमानत अर्जी निरस्त कर दी। आपत्तिकर्ता पीड़िता महिला पुलिसकर्मी की ओर से अधिवक्ता राहुल राजपूत ने और राज्य की ओर से अतिरिक्त लोक अभियोजक अनिल तिवारी व आलोक तिवारी ने विरोध जताते हुए दलील दी कि आवेदक पर गंभीर आरोप लगा है। आवेदक ने पीड़िता को शादी का प्रलोभन देकर उसका लगातार शारीरिक शोषण किया।
चूंकि आवेदक प्रभावशाली है और उससे पीड़िता की जान का खतरा है, अत: अग्रिम जमानत अर्जी निरस्त किए जाने योग्य है। इस तरह के मामले में गिरफ्तारी के बिना जमानत पर रिहा करने के आदेश से समाज में गलत संदेश जाएगा। आवेदक पीड़िता को जान से मारने की धमकी दे चुका है। जबलपुर व कटनी में टीआई रहते हुए उसने रसूख बना लिया है। वह मूलत: दमोह निवासी है और उसके संबंध हर तरह के वर्ग से हैं। ऐसे में उसे अग्रिम जमानत नहीं दी जानी चाहिए। न्यायालय ने तर्क से सहमत होकर अग्रिम जमानत देने से मना करते हुए आवेदन निरस्त कर दिया।