शहर में होगी रिजर्व वाटर की सप्लाई, नदी का बहाव कम, बंद खदानों में संग्रहित है पानी

कटनी, यशभारत। पिछले वर्षों जैसे गर्मी में शहर में पेयजल संकट की स्थिति निर्मित न होने पाए, इसके लिए नगर निगम ने अभी से प्रयास शुरू कर दिए है। नगर निगम के कार्यपालन यंत्री सुधीर मिश्रा ने बताया कि बंद खदानों मे पानी का संग्रहण किया गया है। इसके साथ ही इमलिया खदान से भी पाइप लाइन के माध्यम से फिल्टर प्लांट तक पानी पहुंच रहा है। धीरे-धीरे नदी का बहाव कम होने से कटायेघाट बैराज में ओवर फ्लो रुक गया है, जिससे अब स्टोरेज पानी से ही शहरवासियों की प्यास बुझेगी। इस बार बीच-बीच में बारिश होने से लगातार कटनी नदी में पानी का फ्लो बना रहा। जिसका असर रहा कि पिछले वर्ष जहां जनवरी में ही बैराज में पानी रुक गया था। वहीं इस बार यह पानी फरवरी तक चला।
नगर निगम के विभिन्न वार्डों में 22 हजार नल कनेक्शनधारी ऐसे हैं, जिनके लिए पेयजल का स्रोत नगर निगम ही है। गर्मी में पेयजल संकट न गहराए इसके लिए नगर निगम के अधिकारियों का दावा है कि इसके लिए प्लानिंग कर ली गई है। जिसमें अभी से अलग-अलग वार्डों में बोरों पर नजर रखने का काम किया जा रहा है। पानी पर्याप्त होने के बाद भी नगर निगम के पास पेयजल की बर्बादी को रोकना चुनौती है। खासतौर पर जिस तरह से कटायेघाट फिल्टर प्लांट से लेकर सिविल लाइन टंकी तक बिछाई गई पाइप लाइन पुरानी है। उसमें महीने में कई बार लीकेज की समस्या निर्मित होती है। खासतौर पर बरगंवा में आए दिन पाइप लाइन सुधारने के लिए सडक़ को खोदकर इसमें सुधार कार्य किया जाता है।
अभी शहर में 25 से 27 एमएलडी पानी सप्लाई
बैराज की कुल ऊंचाई 40 फीट है। एक फीट में औसतन 120 मिलियन लीटर पानी रहता है। करीब नीचे का दस फीट डेड स्टोरेज माना जाता है। जिसका अर्थ यह है कि 30 फीट तक की ऊंचाई का ही पानी उपयोग में लिया जा सकता है। इस हिसाब से इसका 3 हजार 600 फीट पानी का उपयोग किया जा सकता है। वर्तमान समय में नगर निगम में पेयजल के लिए रोजाना करीब 25 से 27 एमएलडी पानी सप्लाई की जा रही है। गर्मी में वाष्पीकरण होने से तेजी से पानी का स्तर भी कम होता है जिसके बाद एकाएक स्थितियों में बदलाव होने की संभावना जताई जा रही है।
इनका कहना है
शहर में पेयजल को लेकर किसी तरह से संकट की स्थिति नहीं है। गर्मी के समय भी लोगों को परेशानी न हो। इसके लिए अभी से कार्ययोजना बनाकर कार्य किया जा रहा है। मेरे द्वारा इस कार्यं की समय समय पर समीक्षा भी की जा रही है।
-नीलेश दुबे, आयुक्त, नगर निगम


