शराब दुकानों की नीलामी से 300 करोड़ की कमाई : 20 समूहों की 63 दुकानों का नवीनीकरण, लाइसेंस फीस में 15 प्रतिशत बढ़ोत्तरी के साथ हुआ टेंडर

कटनी, यशभारत। जिले की आधा सैकड़ा से अधिक देशी और विदेशी शराब दुकानों की नीलामी से आबकारी विभाग को इस बार 300 करोड़ से अधिक की आय होगी।
63 दुकानों को 20 अलग-अलग समूहों में बांटकर नवीनीकरण की कार्यवाही को कल 31 मार्च को ही पूरा कर लिया गया है। आबकारी विभाग ने जिले में 20 समूहों में विभाजित शराब दुकानों के ठेके की प्रक्रिया रविवार को पूरी कर ली।
अंतिम दिन बस स्टैंड, रीठी, सराय स्टेशन, एनकेजे, गर्ग चौराहा, झर्रा टिकुरिया समूह की शराब दुकानों का ठेका हुआ, हालांकि ये ठेकों शासन द्वारा निर्धारित किए गए आरक्षित मूल्य पर नहीं हो सके। जिले का कुल आरक्षित मूल्य 320 करोड़ था, लेकिन ठेके से सिर्फ 303 करोड़ ही मिलेंगे।
विदित हो कि कल 31 मार्च को वित्तीय वर्ष का अंतिम दिन था। नियमानुसार आज 1 अप्रेल से जिले में नया ठेका लागू हो गया है। जिले में कुल 63 देशी-विदेशी शराब दुकाने हैं, जिनके रिनूवल और नवीनीकरण की कार्यवाही फरवरी के महीने से की जा रही थी। इस बार राज्य सरकार द्वारा शराब दुकानों की लाइसेंस फीस में 15 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी कर दी गई थी। जिसको लेकर शराब ठेकेदार ठेका लेने के लिए पशोपेश में थे। ठेका महंगा होने की वजह से ठेकदारों में दिलचस्पी कम की थी।
जिसके चलते आबकारी विभाग को टेंडर की प्रक्रिया कई बार करनी पड़ी। बताया जाता है कि जिले की सभी 63 देशी विदेशी शराब दुकानों को 20 समूहों बांटा गया था। पहले चरण में कुछ समूहो ंके ठेके हो गए थे। आबकारी विभाग के अधिकारी इस प्रयास में थे कि अंतिम समय सीमा के पहले सभी दुकानों का रिनूवल हो जाए। राज्य सरकार ने यह भी निर्देश दिए थे कि कम से कम 75 प्रतिशत दुकानों का रिनूवल किया जाए, इससे कम होने पर ऑनलाइन टेंडर की प्रक्रिया अपनाई जाएगी।
दुकानों में देर रात तक जमा रही सुरा प्रेमियों की भीड़, सस्ती शराब खरीदने के लिए मारामारी
वित्तीय वर्ष की समाप्ति के अंतिम दिन कम दामों पर शराब खरीदने के लिए सुरा प्रेमियों की भीड़ देर रात तक शराब की दुकानों पर जमा रही। आलम यह रहा कि शहर की कुछेक दुकानों पर कतारें भी देखी गई। लोगों की भीड़ के चलते कई दुकानों में विवाद की स्थिति भी बनी। हर कोई इस ऑफर का लाभ उठाने के लिए लालायित दिख रहा था।
सबसे ज्यादा भीड़ सुभाष चौक और बरगवां स्थिति दुकानों पर रही। इस दौरान शराब दुकान निर्धारित समय पर बंद करने के शासन के निर्देशों की भी परवाह नहीं रही। शहर की कुछेक दुकानें बकायदा आधी रात तक गुलजार रहीं। शराब ठेकेदारों की मनमानी के आगे आबकारी विभाग और पुलिस नतमस्तक नजर आई।
इनका कहना है …
जिले में सभी दुकानों के नवीनीकरण की कार्यवाही को पूर्ण कर लिया गया है। आज एक अपै्रल से नया ठेका हो गया है। पिछले बार की लाइसेंस फीस में 15 प्रतिशत बढ़ोत्तरी करते हुए इस बार 320 करोड़ रूपए आरक्षित मूल्य निर्धारित किया गया था। इस राशि से कुछ कम में शराब दुकानों का नवीनीकरण किया गया है।
-आर के बघेल, जिला आबकारी अधिकारी