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वायरस से बचाव के लिए जरूरी है सिंप्टोमेटिक इलाज :डॉक्टर दीपक शुक्ला 

जबलपुर यश भारत। बरसात के मौसम में सबसे ज्यादा संक्रमण जनित रोग बढ़ जाते हैं। इनका प्रभाव और विस्तार भी बहुत तेज हो जाता है। ऐसे में वायरस जनित रोगों से बचाव के लिए सिंप्टोमेटिक इलाज बहुत जरूरी है। यह कहना है डॉक्टर दीपक शुक्ला का जो प्राइम टाइम विद आशीष शुक्ला में संक्रामक रोगों को लेकर चर्चा कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने बताया कि जब संक्रामक बीमारी होती हैं तो उस दौरान अलग-अलग व्यक्तियों पर उसके अलग-अलग प्रभाव होते हैं। ऐसे में उन्हें समझ कर उनका सिंप्टोमेटिक इलाज बहुत जरूरी है। इसके लिए लक्षण दिखते ही तत्काल विशेषज्ञ डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।जैसे उल्टी दस्त में पानी ज्यादा पिलाना चाहिए और उबालकर देना चाहिए। ओ आर एस या इलेक्ट्रॉन देना चाहिए साथ ही साथ संबंधित डॉक्टर से मिलकर उचित उपचार बहुत जरूरी हो जाता है। चर्चा के दौरान डॉक्टर दीपक शुक्ला से कार्यक्रम संचालक आशीष शुक्ला द्वारा विभिन्न बिंदुओं पर चर्चा की गई जिसका डॉक्टर दीपक द्वारा विस्तार से जवाब दिया गया। इस पूरे इंटरव्यू को आप यश भारत न्यूज़ चैनल के साथ-साथ यश भारत के सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर विस्तार से देख सकते हैं।

 

 

       एग्रेसिव हो जाती है बीमारियां

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चर्चा के दौरान डॉ दीपक शुक्ला ने बताया कि मानसूनी सीजन में नमी का स्तर बढ़ जाता है ऐसे में वायरस का प्रसार भी तेजी से होता है। जिसके चलते वायरस से होने वाली बीमारियां एग्रेसिव हो जाती हैं और उनके लक्षण जटिल हो जाते हैं । वायरस कम समय में अधिक असर दिखाता है जिससे लोग ज्यादा बीमार पड़ते हैं । ऐसे में बरसात के समय लोगों को खास प्रिकॉशन लेना चाहिए। खास तौर पर कहीं बाहर से आने के बाद अच्छी तरह से हाथ साफ करने चाहिए कुल्ला करना चाहिए साथ ही अधिक धूल और प्रदूषण वाली जगह पर मास्क का उपयोग करना चाहिए ऐसे में काफी हद तक वायरस से बचाव संभव है। खास तौर पर उन्होंने कम इम्यूनिटी रखने वाले लोगों को विशेष एतीयात रखने की सलाह दी।

             बच्चों का रखें विशेष ख्यालScreenshot 2024 08 02 19 32 51 05 40deb401b9ffe8e1df2f1cc5ba480b12

चर्चा के दौरान कार्यक्रम संचालक आशीष शुक्ला द्वारा डॉक्टर दीपक से बच्चों के विषय में भी चर्चा की गई। जिसमें उन्होंने बताया कि बच्चों में सबसे ज्यादा इस समय निमोनिया और डायरिया से संबंधित मामले सामने आते हैं। जबकि बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है ऐसे में उनका विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए। खास तौर पर डायरिया होने की स्थिति में शरीर में पानी की कमी हो जाती है और बच्चे कमजोर हो जाते हैं । ऐसे में बच्चों को तत्काल डॉक्टर से दिखाना चाहिए और उचित इलाज करना चाहिए क्योंकि पानी की कमी होने से स्थिति गंभीर हो जाती है और उल्टी रस की बीमारी मैं पूरी सावधानी बरतनी चाहिए।

            सांसों पर भी दे ध्यानScreenshot 2024 08 02 19 34 35 96 680d03679600f7af0b4c700c6b270fe7

कार्यक्रम संचालक आशीष शुक्ला द्वारा सवाल किया गया कि साफ सफाई और खान-पान पर तो हम ध्यान दे सकते हैं लेकिन सांसों पर ध्यान कैसे दें? क्योंकि ज्यादातर वायरस सांसों के माध्यम से ही शरीर में प्रवेश करते हैं। इसको लेकर डॉक्टर दीपक शुक्ला ने बताया कि यदि हम कहीं भीड़भाड़ वाले इलाकों में जा रहे हैं तो हमें मास्क का उपयोग करना चाहिए। इसके अलावा जिन घरों में फर्नीचर या पेंट पुट्टी का काम चल रहा है उन घरों में स्वास संबंधी मरीज को विशेष सुरक्षा रखनी चाहिए और हो सके तो उन स्थानों से दूर रहना चाहिए । इसके अलावा गरारे करना एक अच्छा तरीका हो सकता है । वायरस से बचने के लिए चर्चा में डॉक्टर दीपक शुक्ला द्वारा अन्य महत्वपूर्ण बिंदुओं पर भी जानकारी दी गई जिसे आप यश भारत न्यूज़ चैनल पर जाकर विस्तार से सुन सकते हैं।

https://youtu.be/ZYBCW-ZFtBA?si=NXKuAzOnnMOn_Igs

 

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