वजीर भी अपने, प्यादे भी अपने : हो गई रायशुमारी
*Yash bharat : ■ आशीष सोनी
कटनी। लोकसभा की टिकट तय करने भाजपा ने कल प्रदेश के अधिकांश संसदीय क्षेत्रों में रायशुमारी की। खजुराहो से भी उम्मीदवारी के लिए पार्टी के प्रमुख पदाधिकारियों से लेकर जनप्रतिनिधियों की राय लेने प्रदेश महामंत्री शरतेंदु तिवारी और प्रदेश सरकार के मंत्री राव उदय प्रताप सिंह खजुराहो पहुंचे।
दोनों नेता संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले तीनों जिलों के कार्यकर्ताओं से मुलाकात कर चर्चा करना चाहते थे, लेकिन कटनी जिले से जिलाध्यक्ष और इक्का-दुक्का पदाधिकारियों के अतिरिक्त किसी ने अपनी पसंद बताने में दिलचस्पी नहीं दिखाई।
संसदीय क्षेत्र के कार्यकर्ताओं की पसंद के आधार पर टिकट तय करने के निर्देश दो दिन पहले एमपी के दौरे पर आए पार्टी के प्रमुख रणनीतिकार अमित शाह देकर गए थे, इसके बाद पार्टी ने एक ही दिन में पूरे प्रदेश के संसदीय क्षेत्रों में सरकार के मंत्री और संगठन के खास लोगों को भेजकर रायशुमारी कराई। खजुराहो को लेकर की गई इस कवायद में पन्ना और छतरपुर जिले के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने तो काफी संख्या में पहुंचकर अपने मन की बात साझा की, किन्तु कटनी के नेताओं ने इससे दूरी ही बनाकर रखी, हालांकि पार्टी के जिम्मेदार लोग यही दलील दी रहे हैं कि एक दिन पहले जिले से बड़ी संख्या में लोग अमित शाह को सुनने खजुराहो गए थे, इसलिए दूसरे दिन हुई रायशुमारी में कटनी से लोग नही जा पाए।
सूत्र बताते हैं कि खजुराहों सीट का मामला प्रदेश की बाकी सीटों से थोड़ा हटकर इस मायने में हो चला है कि अव्वल तो यह सीट पार्टी के प्रदेश के मुखिया वीडी शर्मा की है, दूसरा इस सीट को लेकर सपा के साथ कांग्रेस का समझौता हो चुका है। दिल्ली दरबार की नजर में एमपी की इस सीट का सैनेरियो नए पोलिटिकल डेव्हलपमेंट के हिसाब से अलग ही मिजाज रखने लगा है और इस बार की टिकट भी इसी के अनुरुप तय होगी।
पिछले चुनाव में 5 लाख वोटों के अंतर से जीती इस सीट को लेकर दिल्ली दरबार जानता है कि गठबंधन के नए समीकरण के बाद उसके लिए खजुराहो आसान हो गया है, इसलिए ऐसे नेता को यहां से उतारा जाएगा। जिसे मोदी और शाह आसानी से जिताकर दिल्ली ले जाना चाह रहे हों। वीडी शर्मा की टिकट रिपीट होने की संभावना इसलिये भी कम है क्योंकि प्रदेश अध्यक्ष के नाते वे प्रदेश में पार्टी के बड़े चेहरे हैं।
उन्हें खजुराहो जैसी आसान सीट से उतारने की बजाय ऐसे संसदीय क्षेत्र से आजमाया जाएगा जो भाजपा के लिए कठिन हो। दूसरी स्थिति यह है कि वीडी शर्मा पार्टी के प्रमुख के नाते बड़े दायित्व में है। हो सकता है उन्हें चुनाव लड़ाया ही न जाये। पिछले चुनाव के समय वे प्रदेश अध्यक्ष नही थे लेकिन इस बार दिल्ली दरबार एक व्यक्ति एक पद के फार्मूले पर जिस तरह काम कर रहा है, उसके चलते वीडी को चुनावी राजनीति से दूर संगठन में ही काम करने दिया जा सकता है। वैसे भोपाल और जबलपुर सीटों पर भी पार्टी को नए चेहरों की तलाश हैl
■ कटनी में प्रभाव या खौफ
कटनी जिले की राजनीति के लिए वीडी शर्मा खजुराहो से सांसद बनने के बावजूद बाहरी नेता हैं। इसी इलाके से सांसद बनने के बाद प्रदेश अध्यक्ष का पद मिल जाने के बाद वे यहां की सियासत में एक शक्ति केन्द्र के रूप में स्थापित हो गए। जिला संगठन से लेकर मोर्चों, प्रकोष्ठों, मंडलों और समितियों में सीधे तौर पर अपने समर्थकों की नियुक्ति कर उन्होंने अपने हिसाब से मैदानी जमावट की तो दूसरी तरफ इसका भी ध्यान रखा कि कटनी का कोई जनप्रतिनिधि इतना पावरफुल होकर न उभरे कि उन्हें ही चुनौती दे सकने की स्थिति में आ जाये।
इसे वीडी का प्रभाव कहें या डर कि पार्टी के पुराने से पुराने कार्यकर्ता या तो एक ही धारा में बहने लगे या फिर जिले की राजनीति में हाशिये पर चले गए। बहुतेरे नेता अपना अस्तित्व बचाने के लिए जूझ रहे हैं। जाहिर है इन स्थितियों में लोकसभा के उम्मीदवार को लेकर रायशुमारी की भी जाएगी तो किसकी हिम्मत है कि अपनी राय मौजूदा सांसद के खिलाफ दे दे, इसलिए कटनी के कार्यकर्ताओं ने रायशुमारी में कल खजुराहो जाने की जहमत नही उठाई। फिर रायशुमारी करने वाले दोनो नेता भी वीडी समर्थक ही हैं। उनके सामने कौन सा कार्यकर्ता वीडी के विकल्प के बारे में अपनी राय देगा।
यह भी गौरतलब है कि राय लेने वाले पर्यवेक्षक अपनी रिपोर्ट भी भोपाल जाकर प्रदेश अध्यक्ष के नाते वीडी शर्मा को ही सौंपेंगेए जिसे वीडी शर्मा दिल्ली दरबार तक पहुंचा देंगे। स्थानीय कार्यकर्ताओं में उदासीनता का आलम यह है कि अमित शाह के दौरे के दो दिन पहले जिला कार्यालय में संसदीय क्षेत्र स्तर की जो बैठक बुलाई गई थी, उसमें जिले के कार्यकर्ताओं की उपस्थिति न के बराबर रही। पन्ना के लोग कटनी आकर बैठक में शामिल हुए।
■ तीन दावेदारों के नाम मांगे गए
सूत्रों के मुताबिक कल खजुराहो की लिंज बुंदेला होटल में वर्तमान सांसद और नए दावेदारों के लिए क्षेत्रीय विधायक, पार्षद, मंडल अध्यक्ष और अन्य पदाधिकारियों से रायशुमारी की गई। एक-एक नेता को बुलाकर कहा गया कि आप अपने संसदीय क्षेत्र से अपनी पसंद के तीन दावेदारों के नाम बता दे। सभी को अनिवार्य रूप से तीन दावेदारों के नाम बताना था, जिनसे रायशुमारी की गई वो नेता अपना खुद का नाम नहीं दे सकता था बाकि किसी का भी नाम दे सकता था। रायशुमारी में वर्तमान सांसद के अलावा दूसरे दावेदारों के नाम भी दिए जाने थे लेकिन खजुराहो से ज्यादातर लोगों ने वीडी का नाम ही लिया।
पर्यवेक्षकों को अपनी रिपोर्ट कल तक प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा को देना है। यह रिपोर्ट लेकर प्रदेशाध्यक्ष दिल्ली जाएंगे और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा को सौंपेंगे। इसी तरह केंद्र सरकार की एजेंसियों के माध्यम से भी गौपनीय रूप से सर्वे कराए जा रहे हैं।
इसके माध्यम से पता किया जा रहा है कि वर्तमान सांसद को टिकट दिया जाए या नहीं और कोई नए उम्मीदवार हो सकते हैं। सभी के बारे में फीडबैक लिया जा रहा है। मौजूदा सांसद को टिकट दिया जाए या नहीं और कोई नए उम्मीदवार हो सकते है। सभी के बारे में फीडबैक लिया जा रहा है।