
जबलपुर,। रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय में बीएससी बीएड के परीक्षार्थी परीक्षा के कई महिने बाद भी नजीजों के लिए भटक रहे हैं। प्रशासन ने इनके नतीजे रोक दिए है। आरोप है कि कालेजों ने लाकडाउन के वक्त अयोग्य विद्यार्थियों के परीक्षा आवेदन भरवा दिए। जिसके आधार पर उन्हें परीक्षा देने मिला। अब जांच में यह बात सामने आई है कि परीक्षार्थी परीक्षा में बैठने के लिए पात्र ही नहीं थे।
क्या है मामला: लाकडाउन के वक्त ओपन बुक परीक्षा हुई। बीएससी बीएड के डिंडौरी और बालाघाट जिले के निजी कालेजों ने ऐसे विद्यार्थियों के परीक्षा फार्म भरवा लिए जिन्होंने प्रथम और तीसरा सेमेस्टर पास ही नहीं किया था। कायदे से प्रथम से तीसरे सेमेस्टर के बीच परीक्षा उत्तीर्ण नहीं करने वाले विद्यार्थी पांचवे और अंतिम सेमेस्टर की परीक्षा में शामिल नहीं हो सकते हैं। इन्हें आवेदन भरने की पात्रता नहीं होती है लेकिन कोरोना का लाभ उठाकर कालेजों ने परीक्षा का आवेदन भरवा दिया। अब जबकि उनकी परीक्षा हो चुकी है कालेज परीक्षा परिणाम जारी करवाने के लिए विद्यार्थियों को सीधे विश्वविद्यालय पहुंचाकर दबाव बना रहे हैं। इधर प्रशासन ने साफ किया है कि गलत ढ़ंग से परीक्षा में बैठने वाले करीब 10 विद्यार्थियों के नतीजों को निरस्त करने का निर्णय लिया गया है। इसके अलावा कालेजों को भी आगे से अपात्र विद्यार्थियों के परीक्षा आवेदन अग्रेषित नहीं करने के निर्देश दिए गए है।
हर व्यावसायिक कोर्स में समस्या: बीएससी बीएड के अलावा बीएलएलएलबी, एलएलबी समेत कई पाठ्यक्रमों में इस तरह की समस्या आती है। परीक्षा नियंत्रक प्रो.एनसी पेंडसे ने कहा कि अपात्र विद्यार्थियों के नतीजे रोके गए है।