जबलपुर यशभारत। देश की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति बनने जा रहीं द्रौपदी मुर्मू के चेहरे के आधार पर भाजपा ने विपक्षी एकता में बड़ी सेंधमारी की है।मध्यप्रदेश से अंदाजा लगाया जा सकता है कि यहां पर कांग्रेस के 96 विधायक है परंतु विपक्ष के राष्ट्रपति उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को 79 वोट मिले हैए शेष 17 विधायकों ने कहां वोट की यह जांच का विषय है। हैरानी इस बात तो है कि कांग्रेस के विधायक जयचंद की तरह राष्ट्रपति चुनाव में अपना मतदान कर रहे आए और पार्टी के शीर्ष नेताओं को पता भी नहीं चला।
राष्ट्रपति चुनाव से एक बात तो साफ हो गई कि कांग्रेस में अभी गुटबाजी और भीतरघात शेष है। विपक्ष के प्रत्याशी को कांग्रेस के 96 विधायकों के वोट न मिलना अपने आप में मंथन करने जैसा सवाल है।
मध्य प्रदेश की 230 विधानसभा सीटों में से 47 सीटें आदिवासी समाज के लिए आरक्षित हैं। यहां कांग्रेस और विपक्ष के पास 100 विधायक हैंए जबकि वोट 79 ही पड़े। भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में 146 वोट मिले। बताया जा रहा है कि 19 विधायकों ने क्रास वोट किया है। अगले साल 2023 में यहां विधानसभा के चुनाव भी होंगे। इस लिहाज से कांग्रेस लिए यह अच्छा संकेत नहीं हैए जबकि भाजपा आदिवासी समाज से राष्ट्रपति बनाने के मामले को सियासी तौर पर भुनाने की पूरी कोशिश करेगी। यहां कांग्रेस के लिए बड़ा राज्य है।