कटनीमध्य प्रदेश

राशन में मिल रहे प्लास्टिक के चावल, पकते भी नहीं, पचते भी नहीं, ग्रामीणों ने खाना किया बंद विभाग ने कहा : प्लास्टिक नहीं फोर्टिफाइड राइस का हो रहा वितरण

WhatsApp Icon
Join Yashbharat App

 

कटनी, यशभारत। राशन की दुकान से मिल रहे चावल को लेकर ग्रामीण क्षेत्र के उपभोक्ता काफी परेशन है। उपभोक्ताओं का कहना है कि ये प्लास्टिक के चावल हैं, जो पक नहीं रहे और पानी में तैर रहे हैं और आग में डालने पर प्लास्टिक की तरह पिघल जाते हैं। ताजा मामला ग्राम पंचायत अमगवां का सामने आया है, जहां मार्च के महीने में उपभोक्ताओं को जो चावल बांटे गए हैं, उसके प्लास्टिक के होने की बात सामने आई है। हालांकि इस मामले को लेकर प्रशासन का कहना है कि राशन में जो चावल दिए जो रहे हैं, वो प्लास्टिक के नहीं हैं,जो सफेद चावल राशन में दिया जा रहा है, वह फोर्टिफाइड राइस है, जिसमें आयरन, फोलिक एसिड और विटामिन बी12 जैसे पोषक तत्व मिलाए जाते हैं। जो कृत्रिम रूप से तैयार किया जाता है। कुपोषण को दूर करने के लिए यह सरकार का एक महत्वपूर्ण कदम है। ग्रामीणों का कहना है कि राशन दुकान से मिलने वाले चावल को पकाने के बाद जब इनका सेवन किया जाता है, तो पेट दर्द होने लगता है। कुछ समय पहले खाद्य विभाग द्वारा फोर्टिफाइड राइस को लेकर एक सेमीनार भी आयोजित किया गया था, जिसमे इसको लेकर विस्तार से जानकारी दी गई थी लेकिन इन बातों का ग्रामीण स्तर पर प्रचार-प्रसार नहीं किए जाने की वजह से यहां कई तरह की भ्रांतियां फैली हुई है। अधिकारियों की मानें तो लोगों में जागरूकता का भी अभाव है। शहरी सहित ग्रामीण क्षेत्रों में इन दिनों शासकीय उचित मूल्य की राशन दुकानों पर मिलने वाले फोर्टिफाइड चावल से हितग्राही परेशान हो रहे हैं। चावल खाने के बाद कोई पेट दर्द होने की शिकायत कर रहा है तो कोई चावल नहीं पकने की बात कह रहा। ग्राम पंचायत अमगवां में ग्रामीणों ने इसकी शिकायत करने की भी बात कही है। ग्रामीणों ने प्लास्टिक के चावल मिक्स होने की बात कहते हुए चावल खाना बंद कर दिया। वहीं राशन दुकान संचालकों का कहना है कि हमारे पास जो राशन आ रहा है, हम बांट रहे हैं। प्लास्टिक चावल की बात निराधार है।

अफसरों ने नहीं किया प्रचार-प्रसार, इसलिए फैल रहा भ्रम

केंद्र सरकार द्वारा राशन दुकानों पर फोर्टिफाइड चावल, जो कि कृत्रिम तौर पर तैयार किया जाता है, यह सप्लाई हो रहा है। खाद्य विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों ने उपभोक्ताओं को इसकी जानकारी नहीं दी। ऐसे में लोगों में भ्रम फैला हुआ है। फोर्टिफाइड चावल में आयरन, फोलिक एसिड, विटामिन बी-12 को मिलाया जा रहा है। इससे खून की कमी, घेंघा रोग, कुपोषित लोगों एवं बच्चों को पोषक आहार तैयार होता है। पूरे देश में यह चावल बंट रही है। जानकारी के अभाव में इस चावल को प्लास्टिक चावल बताकर शिकायत कर रहे हैं।

कटनी, यशभारत। राशन की दुकान से मिल रहे चावल को लेकर ग्रामीण क्षेत्र के उपभोक्ता काफी परेशन है। उपभोक्ताओं का कहना है कि ये प्लास्टिक के चावल हैं, जो पक नहीं रहे और पानी में तैर रहे हैं और आग में डालने पर प्लास्टिक की तरह पिघल जाते हैं। ताजा मामला ग्राम पंचायत अमगवां का सामने आया है, जहां मार्च के महीने में उपभोक्ताओं को जो चावल बांटे गए हैं, उसके प्लास्टिक के होने की बात सामने आई है। हालांकि इस मामले को लेकर प्रशासन का कहना है कि राशन में जो चावल दिए जो रहे हैं, वो प्लास्टिक के नहीं हैं,जो सफेद चावल राशन में दिया जा रहा है, वह फोर्टिफाइड राइस है, जिसमें आयरन, फोलिक एसिड और विटामिन बी12 जैसे पोषक तत्व मिलाए जाते हैं। जो कृत्रिम रूप से तैयार किया जाता है। कुपोषण को दूर करने के लिए यह सरकार का एक महत्वपूर्ण कदम है। ग्रामीणों का कहना है कि राशन दुकान से मिलने वाले चावल को पकाने के बाद जब इनका सेवन किया जाता है, तो पेट दर्द होने लगता है। कुछ समय पहले खाद्य विभाग द्वारा फोर्टिफाइड राइस को लेकर एक सेमीनार भी आयोजित किया गया था, जिसमे इसको लेकर विस्तार से जानकारी दी गई थी लेकिन इन बातों का ग्रामीण स्तर पर प्रचार-प्रसार नहीं किए जाने की वजह से यहां कई तरह की भ्रांतियां फैली हुई है। अधिकारियों की मानें तो लोगों में जागरूकता का भी अभाव है। शहरी सहित ग्रामीण क्षेत्रों में इन दिनों शासकीय उचित मूल्य की राशन दुकानों पर मिलने वाले फोर्टिफाइड चावल से हितग्राही परेशान हो रहे हैं। चावल खाने के बाद कोई पेट दर्द होने की शिकायत कर रहा है तो कोई चावल नहीं पकने की बात कह रहा। ग्राम पंचायत अमगवां में ग्रामीणों ने इसकी शिकायत करने की भी बात कही है। ग्रामीणों ने प्लास्टिक के चावल मिक्स होने की बात कहते हुए चावल खाना बंद कर दिया। वहीं राशन दुकान संचालकों का कहना है कि हमारे पास जो राशन आ रहा है, हम बांट रहे हैं। प्लास्टिक चावल की बात निराधार है।
अफसरों ने नहीं किया प्रचार-प्रसार, इसलिए फैल रहा भ्रम
केंद्र सरकार द्वारा राशन दुकानों पर फोर्टिफाइड चावल, जो कि कृत्रिम तौर पर तैयार किया जाता है, यह सप्लाई हो रहा है। खाद्य विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों ने उपभोक्ताओं को इसकी जानकारी नहीं दी। ऐसे में लोगों में भ्रम फैला हुआ है। फोर्टिफाइड चावल में आयरन, फोलिक एसिड, विटामिन बी-12 को मिलाया जा रहा है। इससे खून की कमी, घेंघा रोग, कुपोषित लोगों एवं बच्चों को पोषक आहार तैयार होता है। पूरे देश में यह चावल बंट रही है। जानकारी के अभाव में इस चावल को प्लास्टिक चावल बताकर शिकायत कर रहे हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
Notifications Powered By Aplu