यश भारत EXCLUSIVE : 10 माह में 950 से अधिक सड़क हादसे, 250 से अधिक की गई जान : नियमो की अनदेखी,खराब सड़क,तेज गति से वाहन चलाना बन रहा हादसों का कारण

सिवनी यश भारत:-जिले में हर वर्ष सड़क हादसों की संख्या बढ़ रही है। इस वर्ष 10 माह में सड़क हादसों में 274 लोगों की जान जा चुकी है। तेज रफ्तार, खस्ताहाल सड़के और सीट बेल्ट, हेलमेट नहीं लगाने समेत यातायात नियमों की अनदेखी हादसों में मौत की वजह बन रही है। इस वर्ष सबसे ज्यादा सड़क हादसे जिले के कुरई थाना क्षेत्र में हुए हैं। आंकड़ों के अनुसार इस वर्ष एक जनवरी से 31 अक्टूबर तक 245 जानलेवा और 965 सड़क दुर्घटनाएं हुई हैं।

सड़कों पर कमियों के कारण हो रहे हादसेः जिले में हो रहे सड़क हादसों में औसतन हर माह 27 लोगों की मौत सड़क हादसों में हो रही है। इसका एक कारण विभिन्न सड़कों पर तकनीकि अन्य खामियां हैं। प्रशासन सड़क पर संभावित हादसों वाले स्थान को चिन्हित तो करता है, लेकिन इनके सुधार के लिए आगे की कार्रवाई नहीं की जाती है। इसके कारण सड़क पर कमियां बनी रहती हैं और हादसे होते रहते है। सड़कों पर चयनित किए गए विभन्न स्थानों पर अंधे मोड़, सड़क किनारे बड़ी-बड़ी झाड़ियां, ढलान, गड्ढे, रोशनी का अभाव, चौराहे के निर्माण में तकनीकी खामियां है।
लापरवाही पड़ रहा भारीः-
पुलिस विभाग से मिली जानकारी के अनुसार अधिकांश सड़क हादसों में बाइक सवारों की घटना स्थल पर ही मौत हो रही है। इसका प्रमुख कारण बाइक सवारों द्वारा हेलमेट का उपयोग नहीं करना है। जानकारों के अनुसार हादसा होने पर बाइक पर बैठे लोगों के सिर पर गंभीर चोट लगने के कारण उसकी मौत हो जाती है। पूर्व में हुए हादसे में भी बाइक सवारों की मौत सिर पर गंभीर चोट लगने के कारण होने की बात सामने आई है। वहीं चौपहिया वाहनों में चलने के दौरान लोग सीटबेल्ट का उपयोग नहीं कर रहे हैं। जिससे हादसों में जान गवां रहे है। वाहन चलाते समय लापरवाही बरतना लोगों को भारी पड़ रहा है।
धीमा चल रहा सुधार कार्यः जबलपुर-नागपुर को जोड़ने वाले राष्ट्रीय राज क्रमांक 44 पर कई स्थानों पर गहरे गड्ढे हो गए हैं। छपारा के पास घुनई घाटी में फोरलेन के निर्माण में तकनीकि खामी के कारण भी यहां आए दिन सड़क हादसे होते हैं। इस घाटी में लगातार चार मोड़ है। वही जबलपुर से आते समय काफी ढलान भी है। इसके कारण अक्सर जबलपुर से आने वाले ‘ वाहन इस घाटी के मोड़ पर अनियंत्रित होकर हादसे का शिकार होते हैं। कई वाहन डिवाइडर तोड़कर सड़क के उस पार पलट चुके हैं। यहां सुधार कार्य तो कराया जा रहा है लेकिन कार्य की गति धीमी है। छपारा की सीमा से निकलते ही सड़क पर गहरे और चौडे गड्ढे हादसे का कारण बन रहे हैं।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक गुरुदत्त शर्मा का कहना है कि पीडब्ल्यूडी, एनएचएआई विभाग से ब्लैक स्पाट में सुधार कार्य साइन बोर्ड लगाने समेत गड्ढों को भरने के कार्यों की प्रगति की जानकारी ली जा रही है। ताकि समय पर सुधार होने से खराब सड़कों के कारण हादसों में कमी आए। लोगो को वाहन सावधानी पूर्वक और यातायात के नियमो का पालन करते हुए चलाना चाहिये। होकर हेलमेट और सीटबेल्ट का उपयोग करना चाहिए।