यश भारत विशेष : 450 साल पुराना है मां कालिका मंदिर, नवरात्र पर होता है सोलह सिंगार, रीवा राजघराने से जुड़ा है इतिहास, माता भक्तों की करती है रक्षा

रीवा यश भारत I नवरात्र महोत्सव पर सभी मंदिरों सहित माता रानी के मंदिरों में भक्तों का मेला लगा हुआ है जिसके चलते मेन सिटी रानी तालाब में स्थापित मां कालिका मंदिर अपने आप में अनूठा है यहां भक्तों की हर मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं नवरात्र उत्सव के दौरान माता का दिव्य सिंगर किया जाता है माता अपने भक्तों की हमेशा ही रक्षा करती हैं l
मान्यताओं के अनुसार करीब 450 साल पुराने मंदिर में मां काली की प्रतिमा स्थापित हैl जानकारी के अनुसार रीवा राजघराने में महारानी कुंदन कुमारी जब पूजा करने मंदिर पहुंची तो तालाब देखाl बताया जाता है कि लवाना समुदाय के लोगों ने यह तालाब महारानी को भेंट कर दिया तब से इसे रानी तालाब के नाम से जाना जाता है lबड़ी मान्यता के अनुसार राजा प्राग देव के समय लवाना समुदाय के लोग अपने साथ मां की मूर्ति लेकर आ रहे थे मां ने कहा कि जहां भी मुझे स्थापित कर दिया जाएगा वहां से उठूंगी नहींl यह बात लवाना समुदाय के ध्यान से उतर गई और वह विश्राम करने के लिए जहां रुके वह स्थान रानी तालाब था,जहां मां काली की मूर्ति आज भी स्थापित है l
पुराने समय में रीवा राजघराने में नवरात्रि के समय अष्टमी और नवमी को स्वर्ण आभूषणों से मां काली का श्रृंगार होता है जो आज भी जारी हैl रीवा राजघराने से बेटे की बरात जानी थी तब मां काली ने राजा को स्वप्न दिया कि पहले मेरा सोलह श्रृंगार करो तब बारात जाएगी तब राजा ने मां काली का पूर्ण श्रृंगार करवाया तब से आज तक रीवा राजघराने से अष्टमी और नवमी को श्रृंगार के लिए आभूषण परंपरा अनवरत जारी हैl







