यश भारत खास : विद्यार्थी कैसें करें परीक्षाओं की तैयारियां?…. पढ़े खास रिपोर्ट

नरसिंहपुर/तेंदूखेड़ा यभाप्र। आगामी फरवरी माह के प्रथम सप्ताह से वोर्ड कक्षाओं की वार्षिक परीक्षाएं आयोजित की जायेंगी। पिछली साल की तरह इस साल भी फरवरी माह में परीक्षाएं आयोजित की जा रही है। माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा परीक्षा कार्यक्रम घोषित कर दिया है। परीक्षा में इस बार दसवीं में प्रत्येक विषय का पेपर 75 अंक एवं बारहवीं के 80 अंक का पेपर होगा। आंतरिक मूल्यांकन में 10 वी में 25 अंक जबकि 12 वीं में नान प्रेक्टीकल विषयों का 80 अंक और आंतरिक मूल्यांकन 20 अंक का होगा।
प्रायौगिक विषयों की परीक्षा 70 अंक और प्रेक्टीकल पेपर 30 अंक के होंगे। छात्रों को छोटे-छोटे प्रश्न ज्यादातर हल करने होंगे। वस्तुनिष्ठ प्रश्नों की संख्या कम रहेगी। सैंपल पेपर बेबसाइड पर अपलोड कर दिए गए हैं। बोर्ड परीक्षा के प्रवेश पत्र में दिये गये निर्देशों को अवश्य पढें एवं उनका पालन करें। अक्सर कर परीक्षाओं को लेकर छात्रों में एक भय का वातावरण देखने को मिलता है। छात्र रात रात भर जाग कर तैयारी में जुटे हुए देखे जाते हैं। इस विषय को लेकर विषय विशेषज्ञ शिक्षकों ने परीक्षा पूर्व छात्रों को कुछ आवश्यक उपाय मार्गदर्शन साझा किए हैं।
रात्रि में जल्दी सोएं एवं सुबह जल्दी उठकर अध्ययन करें
परीक्षा की अच्छी तैयारी के लिए प्रत्येक विषय के पाठ्यक्रम का गहनता से अध्ययन करें, प्रत्येक विषय की तैयारी के लिए टाइम टेबल बना ले उसी के अनुसार प्रत्येक विषय की पढ़ाई करें जो टॉपिक कठिन लगता है उसको बार-बार पढ़ें लिखकर याद करें शिक्षक से मार्गदर्शन लेते रहे। ज्यादा देर रात तक ना पढें, जल्दी सोयें एवं सुबह जल्दी 4 बजे उठकर पढ़ाई करें कम से कम 7 घंटे नींद अवश्य लेए बोर्ड द्वारा निर्धारित ब्लूप्रिंट के अनुसार पढ़ाई करें एविगत वर्षों के बोर्ड परीक्षा के प्रश्न पत्रों को जरूर हल करें पौष्टिक एवं सुपाच्य भोजन करें परीक्षा स्थल पर समय के पूर्व पहुंचे। परीक्षा का भय अपने मन से निकाल दें। पूरे उत्साह एवं उमंग के साथ परीक्षा देने जाएं किसी प्रकार की घबराहट होने पर गहरी सांस लेकर छोड़ें।
सुंदर लिपि मे लिखें
संस्कृत के विद्वान शिक्षक एवं प्राचार्य पं. कमल कुमार शास्त्री कहते हैं कि हाई स्कूल परीक्षा दसवीं तृतीय भाषा संस्कृत की तैयारी करते समय व्याकरण भाग की अच्छी तरह से तैयारी करें, शब्द रूपए धातु रूप संधि समास प्रकृति प्रत्यय वाच्य परिवर्तन वाक्य शुद्धिकरण, पर्यायवाची शब्द विलोम शब्द आदि व्याकरण भाग की गहनता से तैयारी करें ।विषय वस्तु को लिखकर याद करें और लिखने पर जो त्रुटियां होती हैं उनको दूर करके दोबारा लिखकर देखें। संस्कृत विषय में उत्तर पुस्तिका में लिखने के लिए 3 घंटे का पर्याप्त समय रहता है। अत: जल्दबाजी न करेंए उत्तर कॉपी में सुंदर स्पष्ट लेखनी में उत्तर लिखें, लिखने में किसी प्रकार की हलंत विसर्ग एवं अन्य प्रकार की अशुद्धियां ना हो इस बात का विशेष ध्यान रखें, उत्तर पुस्तिका में अपना रोल नंबर एवं अन्य जानकारी सही-सही और सावधानी पूर्वक अंकित करें।
हिंदी हमारी मातृभाषा
हिंदी विषय के शिक्षक अमित तिवारी बताते हैं कि प्रत्येक छात्र को व्याकरण पर विशेष ध्यान देना चाहिए। हिंदी हमारी मातृभाषा है इस पर हमारा एकाधिकार भी है । भाषाओं को हम समझते भी है। लेकिन एक भी अक्षर या शब्द गलत हो जाने पर नंबर कट जाते हैं। गध्दांश और पध्दांश को भली भांति समझने की जरूरत है। निबंध लेखन में संदर्भ उद्देश्य के बाद ही अंदर विस्तार दिया जाये अंत में उपसंहार में निचोड़ लिखा होने से जांच कर्ता निर्धारित अंक दे सकता है। उत्तर कापियों में ज्यादा कांट छांट ना करें सुंदर लिखाई भी आवश्यक है।
ग्रामर समझना जरूरी
अंग्रेजी विषय की शिक्षिका श्रीमती राजेश्वरी साहू का कहना है कि छात्र सेक्सन के आधार पर अध्यापन करें। अंग्रेजी में ग्रामर को समझना जरूरी है अनशीन लेटर एप्लीकेशन निबंध के साथ साथ प्रश्न पत्रों को हल करना चाहिए। पिछले सालों के प्रश्न पत्रों को उठाकर देखें उन्हें हल करें इन प्रश्न पत्रों से हमें जानकारी मिलती है। अंग्रेजी विषय ना पढऩे वाले छात्रों को कठिन लगती है लेकिन अध्ययन करने वालों को सरल और सहज विषय है।
पुराने सेटों को देखे
कामर्स विषय के शिक्षक आशुतोष नामदेव मिलन जैन बताते हैं कि पिछले सालों के प्रश्न पत्रों के पुराने सेटों को देखें। विकल्पों पर ध्यान दें। स्कूल के साथ साथ घर पर ज्यादा ध्यान देकर अध्ययन करें। इंटरनेट पर माडल पेपर सेट निकालकर उससे अनुभव लेते रहें। अध्यापन के साथ मार्गदर्शन ज्यादा कारगर साबित होता है।
गणित में सूत्र महत्वपूर्ण लेकिन विषय आसान
गणित विषय के शिक्षक हरिराम प्रजापति एवं श्रीमती रश्मि शर्मा बताती हैं कि गणित सूत्रों पर चलने वाला विषय है। पढऩे और समझने वाले छात्र को यह विषय काफी सहज है। वस्तुनिष्ठ प्रश्न तैयार करें। निदानात्मक कक्षाओं में जो शेड्यूल उपलब्ध कराये जाते हैं।उन पर ध्यानपूर्वक देखें। पहले दो, दो अंकों वाले फिर 3,4,5, अंक वाले प्रश्न तैयार करें। सांख्यिकी एवं प्रायिकता वाले अध्याय को तैयार करें। पुराने सालों के प्रश्न पत्रों को उठाकर हल करें, परीक्षा कक्ष में प्रत्येक प्रश्न को भलि भांति समझ लें फिर उसे हल करें। नियमित अध्ययन जरुरी है।
अभिक्रियाओं को समझना जरूरी
रसायन विज्ञान पर अपना एकाधिकार रखनें वाले प्राचार्य समीम कुरेशी एवं योगेश पटेल बताते हैं कि रसायन विज्ञान एक महत्वपूर्ण विषय है, इस विषय में जो छात्र अभिक्रियाओं को भलि भांति समझ लेता है उसे बहुत जल्दी समझ आ जाती है। महत्वपूर्ण और बड़े-बड़े प्रश्नों को पहले हल करना और फिर चित्रों के माध्यम से अपने दिमाग में उसकी वास्तविकता को समझना जरूरी है। सूत्रों को समझना जरूरी है। पुराने प्रश्न पत्रों को देखें, बड़े प्रश्नों को बार बार देखें, रिविजन करते रहें। तथा अपने विषय शिक्षकों से भी मार्गदर्शन लेते रहें।
ब्लूप्रिंट के आधार पर तैयारी करें
भौतिक विज्ञान के शिक्षक अभिषेक नामदेव बताते हैं कि बोर्ड द्वारा जो ब्लू प्रिंट दिया गया है उसी आधार पर तैयारी करें। सूत्रों को समझने के साथ बहुविकल्पीय प्रश्नों को नोट करते चलें। प्रतिदिन का एक टाइम टेबिल बना लें। प्रत्येक विषय को शुरू से आखिरी तक रिविजन बतौर देखते रहे जहां समझ नहीं पड़ रही हो वहां अपने शिक्षक या साथी से मिलकर हल करें शंका समाधान करें।
राजनीति एवं इतिहास दोनों महत्वपूर्ण विषय
राजनीति विज्ञान और इतिहास के शिक्षक श्रीमती आभा वैद्य सुनीता शर्मा बताती हैं कि निश्चित तौर पर दो माह निर्वाचन प्रक्रिया में निकलने के कारण अध्यापन कार्य प्रभावित हुआ, लेकिन छात्रों को घर बैठे ही नियमित मेहनत करने की जरुरत है। राजनीति विज्ञान और इतिहास दोनों महत्वपूर्ण विषय है। इनको सन् के साथ याद रखना जरुरी हुआ करता है। मन एकाग्र होकर पढऩे से जल्दी याद होता है।यह काफी रोचक विषय भी है।