जबलपुरमध्य प्रदेशराज्य

मेडिकल में मां के शव को लेकर भटकता रहा 14 साल का बेटाः 3 भाई दिल्ली में, संस्कार कराने नहीं बचे पैसे

मोक्ष ने शव को पीएम के लिए भिजवाया बेटे को रैन बसेरा में रूकवाया

जबलपुर, यशभारत। मां को पेट में दर्द हुआ तो 14 साल का बालक उसे पन्ना से जबलपुर ले आया। यहां नेताजी सुभाषचंद्र मेडिकल अस्पताल मंे भर्ती करा दिया। बेेटे ने सोचा था कि मां को सामान्य दर्द हुआ है और उसे यहां आराम मिल जाएगा। लेकिन जब मेडिकल डाॅक्टरों ने चैकअप किया तो मां को पेट में कैंसर निकला और कुछ दिन इलाजरत होने के बाद मां की मौत हो गई। अब बेटा मां के शव को लेकर यहां-वहां भटक रहा है। इसकी जानकारी जब मोक्ष संस्था के आशीष ठाकुर लगी तो बेटे को ठहरने के लिए रैन बसेरा में व्यवस्था कराई और महिला के शव को पीएम के लिए भिजवाया।

मोक्ष के आशीष ठाकुर ने बताया कि पन्ना जिले का रहने वाला संजू बाल्मीक 14 साल अपनी मां चम्पा बाई 70 साल को पेट में दर्द होने के कारण जबलपुर मेडिकल अस्पताल लेकर पहंुचा था। संजू ने अपनी मां को अस्पताल में भर्ती कराया तो ज्ञात हुआ कि मां को पेट का कैंसर है और बचने की उम्मीद कम है। काफी दिन तक मां के भर्ती होने के बाद मौत हो गई।

पिता का साया नहीं गरीबी ने हराया

14 साल के मासूम संजू ने बताया कि उसके सिर से पिता का साया काफी पहले उठ गया था। तीन भाई दिल्ली में रहकर मजदूरी कर रहे हैं जबकि मां के पास वह रहता था। संजू ने बताया कि गरीबी के कारण वह अपनी मां का इलाज भी ठीक ढंग से नहीं करा पाया। मां को बहुत दिनों से पेट में दर्द रोजाना गोली खाकर मां अपना दर्ज छुपा लेती थी।

मां का शव पड़ा था मदद के लिए मोक्ष आया सामने

संजू ने बताया कि मां की मौत हो जाने से उसका शव घर तक नहीं ले जाया पाया क्योंकि उसके पास इतने पैसे नहीं है कि वहां जाकर मां का अंतिम संस्कार कर सकूं। सुबह से शाम तक मदद के लिए मेडिकल में भटकता रहा लेकिन किसी ने मदद नहीं की। इसके बाद मोक्ष के आशीष ठाकुर पहंुचे और उन्होंने के मां के शव को पीएम के लिए भिजवाया और उसे रैन बसेरा में रूकवाने की व्यवस्था की।

एक भाई आ रहा है दिल्ली से

मोक्ष के आशीष ठाकुर ने बताया कि संजू का एक भाई राजेश दिल्ली में रहता है। उससे संपर्क कर मां की मौत की जानकारी दी गई। वह शायद शाम तक जबलपुर पहंुच जाएगा। इसके बाद महिला के शव को उसे सुपुर्द कर दिया जाएगा और संजू को भी उसके साथ भेज दिया जाएगा।

 

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