मेडिकल कॉलेज का खजाना खाली, 4 साल से ड्रेस को तरसे कर्मचारी 150 कर्मचारी 60 के लिए भेजे गए गरम कोट, महिला कर्मचारियों की स्वेटर नहीं आई

जबलपुर, यशभारत। नेताजी सुभाषचंद्र मेडिकल कॉलेज का खजाना खाली हो गया है ऐसा हम नहीं बोल रहे यह तो वहां पदस्थ कर्मचारियों का कहना है। चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को 4 साल से यूनिफार्म नहीं मिली है, जब भी कर्मचारी यूनिफार्म की मांग करते हैं मेडिकल प्रबंधन बजट का रोना सामने रख देता है। ठंड को देखते हुए कर्मचारियों को गरम कोट उपलब्ध कराए गए हैं लेकिन उसमें भी 60 कर्मचारी ही कोट पहन पाएंगे जबकि मेडिकल में 150 कर्मचारी है। महिला कर्मचारियों के लिए स्वेटर ही नहीं भेजी गई है।
जानकारी के अनुसार मप्र लघु वेतन कर्मचारी संघ के बैनर तले मेडिकल कर्मचारियों ने अधीक्षक कार्यालय का घेराव करते हुए कहा कि चिकित्सा विभाग कर्मचारियों के हितों में काम नहंीं कर रहा है। पिछले 4 साल से यूनिफार्म नहीं मिली है, ठंडे को देखते हुए कोट दिए गए उसमें आधे ज्यादा कर्मचारियों को नहीं मिले।
बीमा योजना के आदेश पालन नहीं कर विभाग
लघुवेतन कर्मचारी संघ के संभागीय अध्यक्ष अजय दुबे ने बताया कि चिकित्सा शिक्षा विभाग ने कर्मचारियों को बीमा योजना लाभ देने के आदेश जारी किए हैं परंतु मेडिकल प्रबंधन इसका लाभ नहीं दे रहा है। इसी तरह यूनिफार्म वितरण में भी लापरवाही की जा रही है, महिलाओं को 4 साल से यूनिफार्म नहीं मिली है। इसी तरह 60 कर्मचारियों को जो कोट मिले उनमें भी खामियां है, कर्मचारियों के नाप के अनुसार कोट नहीं भेजे गए जिससे कर्मचारी परेशान हो रहे हैं।
मध्य प्रदेश लघु वेतन कर्मचारी संघ की विभागीय शाखा अध्यक्ष प्रमोद कुमार ने जारी विज्ञप्ति में बताया है कि नेताजी सुभाषचन्द बोस संयुक्त संचालक एवं अधीक्षक कार्यालय के द्वारा की जा रही शासन आदेशों की अवहेलना से नाराज चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियो ने म. प्र. लघु वेतन कर्मचारी संघ विभागीय शाखा मेडिकल के बैनर तले संस्था के अधीक्षक डॉ राजेश तिवारी को ज्ञापन सौपते हुए मांग की है कि शासन द्वारा आदेश होने के बावजूद भी कर्मचारियो की सर्विस बुक अनुमोदन, आयुष्मान योजना की राशि का लाभ, समूह बीमा योजना तथा वर्दी वितरण किया जाए। में हो रही लापरवाही सहित अन्य मांगो का ज्ञापन सौंपा एवं अतिशीघ्र निराकरण न होने पर आन्दोलात्मक कायज़्वाही की चेतावनी दी। ज्ञापन के दौरान उपस्थित रहे विपिन पीपरे रविंद्र राय विकास डहेरिया जगदीश केवट मयंक श्रीवास्तव आदि मौजूद थे।