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मृत बच्चे को 40 किलोमीटर दूर बरगी अस्पताल लेकर आए थे परिजन; 10 दिन गांव में ही कराया था इलाज: कलेक्टर ने कहा भ्रामक जानकारी फैलाने वालों पर कार्रवाई होगी …वीडियो… देखें…

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जबलपुर, यशभारत। जबलपुर के बरगी में बच्चे की मौत के मामले का वीडियो वायरल होने के बाद हड़कंप मच गया। आरोप थे कि इलाज नहीं मिलने से बच्चे की मौत हो गई लेकिन इस मामले का पूरा सच क्या है हम आपको बता रहे हैं। बच्चे की मौत के मामले में प्रभारी सीएमएचओ डॉ. संजय मिश्रा ने दावा किया है कि परिजन मृत बच्चे को लेकर अस्पताल पहुंचे थे।

जानकारी तिनहेता देवरी निवासी बालक ऋषि के मृत्यु के वायरल वीडियो वीडियो के संबंध में यथास्थिति यह है कि बालक के पेरेंट्स मृत अवस्था में ही बालक को बरगी अस्पताल में लाए थे।

तथ्यों के आधार पर बालक पहले से जला हुआ था और स्थानीय स्तर पर 10 दिनों से उनका इलाज चल रहा था। उक्त मृत बालक को बरगी अस्पताल में लाया गया, डॉक्टरों की टीम ने बालक को अटेंड किया जिसमें डॉक्टर्स ने पाया कि बालक मृत अवस्था में है ।डॉक्टरों ने बालक के पोस्टमार्टम करने की सलाह दी लेकिन बालक के पेरेंट्स ने मना कर दिया। इस संबंध में कलेक्टर डॉ इलैयाराजा पीने घटना की जांच के निर्देश दिए हैं। कलेक्टर ने कहा किस मामले में भ्रामक जानकारी फैलाने वालों पर कार्रवाई की जाएगी।

 

जांच के बाद बच्चे को किया था मृत घोषित

प्रभारी सीएमएचओ डॉ. संजय मिश्रा ने बताया कि जिला अस्पताल में ड्यूटी डॉक्टर जरूर छुट्टी पर थे लेकिन अस्पताल में उनके असिस्टेंट डॉ. लोकेश श्रीवास्तव मौजूद थे। उन्हीं ने बच्चे का परीक्षण करके उसे मृत घोषित किया था। प्रभारी सीएमएचओ ने ये भी बताया कि डॉक्टर के बच्चे को मृत घोषित किए जाने के बाद परिजन घर लौट गए थे। इसके बाद उन्हें किसी ने फिर से अस्पताल बुलाया और आरोप लगाते हुए हंगामा शुरू कर दिया। सीएमएचओ ने ये भी कहा है कि ड्यूटी डॉक्टर ने बच्चे का पोस्टमार्टम कराने के लिए भी परिजन से कहा लेकिन उन्होंने इससे इनकार कर दिया था।

इलाज नहीं मिलने से मौत का वीडियो वायरल होने के बाद मचा हंगामा

जबलपुर के बरेला क्षेत्र के हिनौता गांव के पवन कुमार के बेटे ऋषि की मौत की खबर सोशल मीडिया में वायरल होने के बाद सचिवालय से जिला प्रशासन को फोन घनघना गए। मामले में स्पष्टीकरण भी मांगा गया है। कलेक्टर ने ट्वीट करके स्पष्टीकरण दिया और टीम चाइल्ड डैथ रिपोर्ट तैयार कर रही है। आपको बता दें कि बुधवार शाम से सोशल मीडिया पर इस तरह से वीडियो वायरल हो रहा था कि इलाज के लिए बरगी अस्पताल पहुंचे बच्चे को ड्यूटी पर डॉक्टर नहीं होने के चलते इलाज नहीं मिला जिससे उसकी मौत हो गई। दूसरी तरफ प्रभारी सीएमएचओ और प्रभारी रीजनल डायरेक्टर स्वास्थ्य डॉ. संजय मिश्रा ने बताया कि घटना के वक्त अस्पताल में डॉ. लोकेश मौजूद थे, उन्होंने बताया कि बच्चे का पैर जल गया था जिसका घरवालों ने घर पर ही 10 दिन से ज्यादा दिन तक इलाज भी कराया था, उन्होंने बताया कि बच्चे को सेप्टिसीमिया होने की आशंका है, वहीं अस्पताल में बच्चे को मृत अवस्था में लाया गया था।

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