मप्र आयुर्विज्ञान विवि में परीक्षा नियंत्रक का कारनामा: परिणाम-डिग्री और मार्कशीट में गलतियां करने वाली कंपनी पर की दिखावे की कार्रवाई
कमिश्नर के कुलपति के प्रभार से हटते ही हो रहे मनमाने फैसले
जबलपुर, यशभारत। हमेशा अपने कारनामों के कारण प्रदेश नही देश में ख्याति प्राप्त कर चुकी प्रदेश की में राज्यस्तरीय मेडिकल यूनिवर्सिटी को एक बार पुन: चर्चा में है। इस बार चर्चा का कारण परिणाम-डिग्री और मार्कशीट बनाने वाली कंपनी है। दरअसल कंपनी ने ढेरों गलतियां की परंतु उस पर विवि ने कार्रवाई के नाम सिर्फ औपचारिकता की। परीक्षा विभाग के अंतर्गत आने वाले परीक्षा परिणाम डिग्री ओर मार्कशीट जैसे मामलों में अधिकरी के साथ मिलकर लगभग हजारों गलती कर चुकी कंपनी को जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा परीक्षा विभाग से तो नही हटाया जबकि कार्रवाई की रस्म अदा करने के नाम पर नामांकन ओर संबद्धता से हटा दिया गया।
मध्यप्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय द्वारा एण्ड टू एण्ड सॉल्यूशन हेतु मेरिटट्रेक कंपनी कंपनी को ठेका दिया गया था किन्तु ऐसा प्रतीत हो रहा है कि कंपनी की कार्यप्रणाली असंतोषप्रद है एवं कई बार इन्हें मौखिक चेतावनी भी दी जा चुकी है किन्तु यह पाया गया है कि कंपनी की कार्यप्रणाली में विशेष सुधार नहीं है अत: इन्हें 15 दिन का नोटिस दिये जाने का निर्णय लिया गया है सुधार न होने की स्थिति में अनुबंध समाप्त करने की प्रक्रिया प्रारंभ की जायेगी।
सूत्र बताते हे की मगर कमिश्नर के कुलपति के प्रभार से हटते ही कुलसचिव की अनुपस्थिति में उपकुलसचिव द्वारा प्रभारी कुलसचिव होते हुऐ आनन फानन में बिनापूर्व एजेंडा के न सिर्फ ़ बैठक की बल्कि परीक्षा विभाग मे गलती करने वाली कंपनी को परीक्षा से न हटा कर मात्र औपचारिकता पूर्ति के लिए नामांकन ओर संबद्धता से पृथक किया
सरकार तक पहुंचाएगे विवि का सच
अभिषेक पांडे अध्यक्ष मध्यप्रदेश छात्र संगठान का कहना है कि मेडिकल विश्वविद्यालय भ्रष्टाचार का पर्याय बन चुका हे यहां आधिकारी अपना मूल काम छोड़ सिफज़् पैसा कमाने आते हे ओर भ्रष्टाचार करते हे अभी वर्तमान में पदस्थ व दोबारा विश्वविद्यालय आने में लगे अधिकारी पूर्व में भी भ्रष्टाचार कर चुके है और विश्वविधालय से अलग हुऐ है। संगठन बहुत जल्दी व्यापक स्तर पर मेडिकल विश्वविद्यालय के भ्रष्टाचार को और भ्रष्ट आधिकारीयो का प्रचार प्रसार कर सरकार की नीद खोलेगा।