मध्य प्रदेश टीकाकरण और चिकित्सा प्रबंधन में अन्य राज्यों से आगे, PM मोदी ने की मुख्यमंत्रियों से चर्चा
भोपाल। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रान के संक्रमण और उसके प्रबंधन के संबंध में मुख्यमंत्रियों के साथ वर्चुअल बैठक की। मध्य प्रदेश से इस बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और स्वास्थ्य मंत्री डा. प्रभुराम चौधरी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शामिल हुए। प्रधानमंत्री मोदी की राज्यों से चर्चा के पहले बैठक में केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिव ने जानकारी दी कि मध्यप्रदेश किशोर वर्ग के लिए 10 जनवरी से प्रारंभ टीकाकरण के कार्य में अच्छी स्थिति में है। प्रदेश में 15 से 18 वर्ष के किशोरों के टीकाकरण कार्य में पात्र किशोरों में से 72.2 प्रतिशत किशोरों को वैक्सीन की डोज लगाई जा चुकी है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बैठक का संयोजन किया। प्रधानमंत्री मोदी ने बैठक में कम वैक्सीनेशन और अधिक समस्या वाले राज्यों पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, झारखंड,पंजाब आदि के मुख्यमंत्रियों से चर्चा की।
दिल्ली से दोपहर को लौटे सीएम- भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में शामिल होने के लिए मुख्यमंत्री बुधवार रात्रि को ही दिल्ली चले गए थे, वह गुरुवार दोपहर को भोपाल लौट आए। इसके बाद मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री की बैठक में वर्चुअली भागीदारी की।
मप्र में राष्ट्रीय औसत से ज्यादा टीकाकरण- मध्य प्रदेश में वैक्सीनेशन कार्य के लिए जन भागीदारी के माडल का उपयोग करते हुए सभी का सहयोग लेकर 11 विशिष्ट टीकाकरण महा अभियान संचालित किए गए हैं। राष्ट्रीय औसत 92.4 के विरुद्ध 96 प्रतिशत प्रथम डोज तथा 68.3 के विरुद्ध 92 प्रतिशत द्वितीय डोज पात्र लोगों को लगाया जा चुका है। मध्य प्रदेश 15-17 आयु वर्ग में और गर्भवती माताओं के टीकाकरण में भारत में सर्वाधिक टीके लगाने वाला राज्य है। सतर्कता डोज 1 लाख 80 हजार से अधिक लोगों को लगाई गई है। इस श्रेणी में लगभग 30 प्रतिशत पात्र आबादी को टीके लगाये जा चुके हैं।