बिहार में बदहाल अस्पतालों पर ‘ट्विटर खेला’ क्यों हो रहा? सियासी गुणा-गणित समझिए
पटना
बिहार की राजनीति आजकल सोशल मीडिया पर शिफ्ट हो गई है। ट्विटर और फेसबुक के जरिए बयान जारी किए जाते हैं। फिर उसी माध्यम से जवाब भी दिया जाता है। कोरोना की वजह से बदहाल अस्पताल सियासत के केंद्र में आए गए हैं। आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव फिलहाल इसी को लेकर सीरियस हैं। उनकी पार्टी जिलों के वैसे अस्पतालों को ढूंढ रही है, जहां सालों से न तो मेडिकल स्टाफ पहुंचा है और ना ही मरीज।
सियासत के केंद्र में बिहार के उपस्वास्थ्य केंद्र
बिहार में सरकारी अस्पतालों की हालत किसी से छिपी नहीं है। खासकर उन स्वास्थ्य केंद्रों का जिसे ‘उपकेंद्र’ के नाम से जाना जाता है। उपकेंद्र इसलिए बनाए जाते हैं ताकि ग्रामीण इलाके के लोगों को छोटी-छोटी बीमारियों के लिए शहर की भाग-दौड़ में शामिल न होना पड़े। उनको स्वास्थ्य की सुविधा आसपास में ही मिल जाए। मगर ये सिर्फ कागजों पर देखने, पढ़ने और सुनने में अच्छा लगता है। जमीनी हकीकत अक्सर इसके उलट ही होती है। ऐसी भी बात नहीं कि मौजूदा राज्य सरकार के दौरान इनकी बदहाली है। सरकार चाहे किसी की भी रहे उपकेंद्रों की हालत खस्ता ही रही। चूंकि बिहार में नीतीश कुमार 15 साल से मुख्यमंत्री हैं तो उनके मत्थे ठीकरा ज्यादा फोड़ा जा रहा है। ऐसी बात नहीं कि लालू-राबड़ी के शासनकाल में स्वास्थ्य उपकेद्रों की हालत बहुत अच्छी थी। या फिर उनकी शासन में इसकी हालत बहुत अच्छी हो जाएगी।
सहरसा के चंद्रायण अस्पताल के बहाने सियासी वार
राजद प्रमुख लालू यादव ने सहरसा के रेफरल अस्पताल की फोटो रिट्वीट की। इसके साथ ही उन्होंने पूछा है कि ‘1995 में मैंने इस अस्पताल का उद्घाटन किया था। इसे जमींदोज कर जनता को सजा क्यों दी?’ मंगलवार को आरजेडी सहरसा के ट्विटर हैंडल से एक ट्वीट किया गया। इसमें रेफरल अस्पताल चंद्रायण, सहरसा की फोटो पोस्ट की गई। इसके साथ ही लिखा गया कि ‘यह कोई भूतों की किसी फिल्म की शूटिंग के लिए तैयार किया गया भूत बंगला का सेट नहीं है। यह सहरसा का रेफरल अस्पताल है। इसके शिलापट्ट पर लालू यादव का नाम होने की सजा जनता को मिली है।’
फिर लालू यादव ने कहा कि ‘सहरसा में करीब 14 करोड़ की लागत से बने इस रेफरल अस्पताल का 1995 में मैंने उद्घाटन किया था। इसे पूर्वी और पश्चिमी तटबंध के अंदर बसे लाखों लोगों को इलाज उपलब्ध कराने के लिए बनाया गया था। संकीर्ण और नकारात्मक मानसिकता के धनी ने बाकी हजारों स्वास्थ्य केंद्रों की तरह इसे भी जमींदोज कर दिया।’
एक दूसरे रिट्वीट में लालू यादव ने नालंदा जिला के हिलसा विधानसभा के करायपारसुराय प्रखंड के चकवाजितपुर उपस्वास्थ्य केंद्र की फोटो पोस्ट की। इसके साथ ही लालू ने लिखा है कि ‘नीतीश ने अपने गृह जिला नालंदा में भी हमारे द्वारा बनाया गया स्वास्थ्य केंद्र बंद करा दिया, लेकिन गुलाबी फाइलों में यह चालू है। इनके नाकारापन के वायरस ने ऐसे हजारों स्वास्थ्य केंद्रों की बलि ली है। क्योंकि इनके फाइलों में कार्यरत रहने से प्रसाद रूपी चढ़ावा प्राप्त होता रहता है।’