बिजली चोरी समझौता: 10 जुलाई लोक अदालत में बकाया नहीं चुकाया तो उपभोक्ता को होगी जेल
एमपीईबी ने उपभोक्ताओं को अंतिम अवसर देते हुए जारी किए निर्देश
जबलपुर, यशभारत।
म.प्र.पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के क्षेत्रांतर्गत जबलपुर, सागर, रीवा एवं शहडोल संभागों में 10 जुलाई को नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया जाएगा जिसमें बिजली चोरी एवं बिजली अनियमितताओं के प्रकरणों में उपभोक्ताओं को समझौता करने का अवसर प्रदान किया जाएगा । इस अवसर पर विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 135 एवं 138 के तहत विषेश न्यायालयों में दर्ज प्रकरणों में नियमानुसार राशि जमा कर, समझौता किया जा सकता है । इसके अलावा धारा 126 के तहत दर्ज ऐसे प्रकरण जिनमें उपभोक्ता द्वारा अपीलीय कमेटी के समक्ष आपत्ति/अपील प्रस्तुत नहीं की गई है तथा प्रकरण न्यायालय में प्रस्तुत नहीं किए गए हैं, इन प्रकरणों को भी प्रीलिटिगेशन प्रक्रिया के तहत लोक अदालत में समझौता कर निराकृृत कराया जा सकता है ।
संबंधित उपभोक्ता अपने क्षेत्र के कार्यपालन अभियंता/सहायक अभियंता अथवा कनिष्ठ अभियंता से सीधे सम्पर्क कर, अपने प्रकरण में समझौता करके जुमार्ना/कारावास जैसी अप्रिय कार्रवाई से मुक्ति पा सकते हैं ।
कंपनी के मुख्य महाप्रबंधक (प्रवर्तन) अरविंद चौबे ने बताया कि लोक अदालत में निम्नदाब श्रेणी के समस्त घरेलू उपभोक्ता, समस्त कृषि उपभोक्ता, 5 किलोवॉट तक के गैर घरेलू उपभोक्ता तथा 10 एचपी भार तक के औद्योगिक उपभोक्ताओं को नियमानुसार छूट की पात्रता होगी । न्यायालय में लंबित प्रकरणों में समझौता राषि जमा करने पर कंपनी द्वारा आंकलित सिविल दायित्व की राशि में 20 प्रतिशत की छूट प्रदान की जावेगी तथा आंकलित राशि के भुगतान में उपभोक्ता द्वारा की गई चूक पर 16 प्रतिशत वार्षिक की दर से लगने वाले चक्रवृद्धि ब्याज की राशि पर 100 प्रतिशत की छूट प्रदान की जाएगी ।
विद्युत अधिनियम की धारा 126 के तहत बनाए गए प्रकरणों का निराकरण प्री-लिटिगेशन प्रक्रिया के अंतर्गत किया जाएगा । इन प्रकरणों में समझौता राशि जमा करने पर कंपनी द्वारा आंकलित सिविल दायित्व की राशि पर 30 प्रतिशत छूट तथा ब्याज राशि में 100 % की छूट प्रदान की जावेगी।