बाढ़ नियंत्रण कक्ष 24 घंटे कार्य करें बांधों के गेट खुलने पर ग्रामीणों को करें सूचित: मुख्यमंत्री डॉ.यादव
मंडला| मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने निर्देशित किया कि वर्षा काल में प्रदेश में कहीं भी जन हानि न हो। इसके लिए जिलों में प्रशासनिक अमले को दायित्व प्रदान करें। बाढ़ नियंत्रण कक्ष को 24 घंटे संचालित रखें। अतिवर्षा या बाढ़ की चुनौती से निपटने के लिए संबंधित विभाग आपस में बेहतर समन्वय करें। लोगों की जीवन रक्षा के लिए कहीं सेना की जरूरत हो तो समय पर बताएं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रदेश में आज मंत्रालय से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से वर्षा की स्थिति और कुछ जिलों में बाढ़ की आशंका के संबंध में समीक्षा की। साथ ही जिलों के कलेक्टर्स-कमिश्नर्स से प्रदेश में अतिवर्षा की स्थिति में आवश्यक प्रबंधों को सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिये।
बैठक में एनआईसी कक्ष मंडला से कलेक्टर डॉ. सलोनी सिडाना, सीईओ जिला पंचायत श्रेयांश कूमट, अपर कलेक्टर राजेन्द्र कुमार सिंह, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अमित वर्मा सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री ने निर्देशित किया कि लोक निर्माण विभाग ऐसे पुल-पुलियों की जानकारी संकलित करे, जहां पूर्व में दुर्घटनाएं हुई हैं, ऐसे रपटों और पुलों पर सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था करें। पुलों पर पानी का भराव हो तो लोगों को न जाने दें। बांधों से पानी छोड़ें तो प्रभावित होने वाले जिलों को अलर्ट करें। तैराक दल भी ऐसे स्थानों पर उपलब्ध रहें। नजदीक के जिले एक दूसरे के संपर्क में रहें। अति वर्षा की स्थिति और बाढ़ की चुनौती से निपटने के लिए सभी आवश्यक तैयारियां रखें। उन्होंने कहा कि वर्षा के दिनों में पेयजल आपूर्ति में स्वच्छता का ध्यान रखें। आम जनता को जीवन की उपयोगी वस्तुएं बिना बाधा के मिलती रहें।
मंदिरों में श्रद्धालुओं की सुरक्षा भी सुनिश्चित करें
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सावन के महीने में मंदिरों में श्रद्धालुओं का आना- जाना निरंतर होता है। इसका जिलेवार आकलन किया जाए। त्यौहारों पर नागरिकों के धर्म स्थलों पर जाने के मार्ग और उन स्थानों पर भी आवश्यक सुरक्षा आवश्यक है, जो धर्मस्थल जल स्रोतों के पास या नदियों के पास हैं। ऐसी जगहों पर जहां जल स्तर बढ़ सकता है, वहां सुरक्षा की दृष्टि से निरंतर नजर रखी जाए। मुख्य सचिव श्रीमती वीरा राणा द्वारा पूर्व में प्रदेश के सभी जिलों को अति वर्षा और बाढ़ की स्थिति से निपटने के संबंध में विस्तृत निर्देश दिए गए हैं।मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने निर्देशित किया कि वर्षा काल में प्रदेश में कहीं भी जन हानि न हो। इसके लिए जिलों में प्रशासनिक अमले को दायित्व प्रदान करें। बाढ़ नियंत्रण कक्ष को 24 घंटे संचालित रखें। अतिवर्षा या बाढ़ की चुनौती से निपटने के लिए संबंधित विभाग आपस में बेहतर समन्वय करें। लोगों की जीवन रक्षा के लिए कहीं सेना की जरूरत हो तो समय पर बताएं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रदेश में आज मंत्रालय से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से वर्षा की स्थिति और कुछ जिलों में बाढ़ की आशंका के संबंध में समीक्षा की। साथ ही जिलों के कलेक्टर्स-कमिश्नर्स से प्रदेश में अतिवर्षा की स्थिति में आवश्यक प्रबंधों को सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिये। बैठक में एनआईसी कक्ष मंडला से कलेक्टर डॉ. सलोनी सिडाना, सीईओ जिला पंचायत श्रेयांश कूमट, अपर कलेक्टर राजेन्द्र कुमार सिंह, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अमित वर्मा सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री ने निर्देशित किया कि लोक निर्माण विभाग ऐसे पुल-पुलियों की जानकारी संकलित करे, जहां पूर्व में दुर्घटनाएं हुई हैं, ऐसे रपटों और पुलों पर सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था करें। पुलों पर पानी का भराव हो तो लोगों को न जाने दें। बांधों से पानी छोड़ें तो प्रभावित होने वाले जिलों को अलर्ट करें। तैराक दल भी ऐसे स्थानों पर उपलब्ध रहें। नजदीक के जिले एक दूसरे के संपर्क में रहें। अति वर्षा की स्थिति और बाढ़ की चुनौती से निपटने के लिए सभी आवश्यक तैयारियां रखें। उन्होंने कहा कि वर्षा के दिनों में पेयजल आपूर्ति में स्वच्छता का ध्यान रखें। आम जनता को जीवन की उपयोगी वस्तुएं बिना बाधा के मिलती रहें।
मंदिरों में श्रद्धालुओं की सुरक्षा भी सुनिश्चित करें
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सावन के महीने में मंदिरों में श्रद्धालुओं का आना- जाना निरंतर होता है। इसका जिलेवार आकलन किया जाए। त्यौहारों पर नागरिकों के धर्म स्थलों पर जाने के मार्ग और उन स्थानों पर भी आवश्यक सुरक्षा आवश्यक है, जो धर्मस्थल जल स्रोतों के पास या नदियों के पास हैं। ऐसी जगहों पर जहां जल स्तर बढ़ सकता है, वहां सुरक्षा की दृष्टि से निरंतर नजर रखी जाए। मुख्य सचिव श्रीमती वीरा राणा द्वारा पूर्व में प्रदेश के सभी जिलों को अति वर्षा और बाढ़ की स्थिति से निपटने के संबंध में विस्तृत निर्देश दिए गए हैं।
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