
भोपाल, यशभारत। यह साल चुनावी वर्ष है। संभावना है कि इस साल बिजली दरें नहीं बढ़ाई जाएंगी। इसकी वजह बताते हुए विशेषज्ञ कहते हैं कि बिजली वितरण की तीनों कंपनियों की ओर से एमपी पावर मैनेजमेंट कंपनी ने विद्युत नियामक आयोग के सामने सत्यापन याचिका में 3275.88 करोड़ रुपए की जरूरत बताई थी। इसमें से 1537 करोड़ रुपए के घाटे की भरपाई के लिए बिजली दरों में 3.2त्न बढ़ोतरी करने की मांग की थी। विद्युत नियामक आयोग ने 3275.88 करोड़ रुपए में से उपभोक्ताओं से वसूली के लिए सिर्फ 1648.21 करोड़ रु. ही मंजूर किए हैं। एमपी पावर मैनेजमेंट कंपनी ने इसके लिए नियामक आयोग में याचिका दायर की थी। आयोग ने इसकी सत्यापन याचिका (टू अप) पर सुनवाई करते हुए नए आदेश में 1648.21 करोड़ रु. ही मंजूर किए हैं। आयोग मंगलवार को टैरिफ ऑर्डर जारी कर सकता है।