जबलपुरl मध्य प्रदेश शासन द्वारा माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में क्रिमिनल अपील प्रस्तुत की गई थी। उक्त अपील में जिला न्यायाधीश भोपाल द्वारा पारित आदेश दिनांक 16, 5, 2011 को चुनौती दी गई थी। क्योंकि , उक्त आदेश के तहत बिना कोई निष्कर्ष दिए एवं साक्ष्य का विवेचन ना करते हुए मजिस्ट्रेट के आदेश को निरस्त कर दिया गया थाl जबकि, मजिस्ट्रेट ने बाबूलाल मालवीय को धारा 323 के तहत दोष सिद्ध किया गया था।
शासन की ओर से शासकीय अधिवक्ता दयाराम विश्वकर्मा द्वारा न्यायालय के समक्ष पक्ष रखा गया कि, जिला न्यायाधीश भोपाल द्वारा पारित निर्णय तथ्य एवं विधि की गंभीर भूल पर आधारित है एवं बिना कोई निष्कर्ष दिए ही विचारण न्यायालय के आदेश को निरस्त किया जाना न्यायिक प्रक्रिया का पूर्ण दुरुपयोग है ।
माननीय न्यायाधिपति राजेंद्र कुमार वानी द्वारा माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा समय-समय पर पारित महत्वपूर्ण न्याय दृष्टांकों का अवलोकन कर यह पाया गया कि जिला न्यायाधीश भोपाल द्वारा पारित निर्णय निंदनीय है एवं ऐसा आदेश पारित किया जाना न्यायिक दृष्टिकोण के विपरीत होने के साथ-साथ अनुचित एवं अन्यायपूर्ण निर्णय है ।ऐसा आदेश विधि की दृष्टिकोण में स्थिर रखे जाने योग्य न जाने से निरस्त किए जाने योग्य हैं एवं माननीय उच्च न्यायालय द्वारा जिला न्यायाधीश भोपाल के आदेश को निरस्त कर पुनः गुण दोषों पर संपूर्ण विवेचना कर आदेश पारित करने हेतु प्रकरण को प्रत्यावर्ती करते हुए शासन की अपील को स्वीकार किया गया हैl
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