आंगनबाड़ी केंद्र पर डेढ़ माह के मासूम को टीके लगाने के करीब 17 घंटे बाद उसकी मौत हो गई। बच्चे की बॉडी नीली पड़ गई थी। उसके मुंह से झाग निकलने लगा था। इससे गुस्साए परिवार वाले सिटी डिस्पेंसरी पहुंचे और टीका लगाने वाली नर्स को कई थप्पड़ जड़ दिए। आरोप था कि मना करने के बावजूद टारगेट पूरा करने के लिए नर्स ने तीन टीके लगा दिए थे। यह मामला अजमेर के गुलाब बाड़ी डिस्पेंसरी का है।
आंगनबाड़ी केंद्र पर लगा था कैंप
हेमलता चौहान ने बताया कि बुधवार को उसके नाती को टीका लगवाने के लिए बेटी बेटी निहारिका चौहान आंगनबाड़ी केंद्र गई थी। यहां नर्स मंजू ने बच्चे को तीन टीके लगाने को कहा। आरोप है कि निहारिका के मना करने के बावजूद सुबह करीब 11 बजे मंजू ने तीनों टीके लगा दिए। गुरुवार सुबह करीब 4 बजे बच्चे के मुंह से झाग निकल रहा था। हॉस्पिटल ले गए, पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। गुस्साए परिजन गुरुवार दोपहर डिस्पेंसरी पहुंचे और जमकर हंगामा किया।
कमरे में छिपी रही नर्स
डिस्पेंसरी में हंगामा बढ़ता देख नर्स कमरे में छिप गई। परिवार वाले नर्स को बुलाने की मांग कर रहे थे। फिर भी मंजू सामने नहीं आई। आखिरकार परिजनों ने उसे ढूंढ ही लिया। मंजू को पकड़कर बच्चे की नानी ने खूब थप्पड़ जड़े। सूचना मिली तो मौके पर पुलिस भी पहुंच गई। पुलिस ने परिवार वालों को समझाने का प्रयास किया। डिस्पेंसरी प्रभारी ने जांच का आश्वासन दिया। तब जाकर मामला शांत हुआ।
नियमों के तहत लगे तीन टीके, जांच करेंगे
डिस्पेंसरी की प्रभारी डॉ. रजनी ने बताया कि बुधवार को आंगनबाड़ी केन्द्र पर वैक्सीनेशन कैंप था। सुबह 11 बजे नर्स मंजू ने तीन टीके लगाए। साथ ही जरूरी निर्देश भी दिए थे। सुबह इनके बच्चे की डेथ हुई और बाद में यहां आकर आरोप लगाए। बच्चा तो लाए नहीं, लेकिन जो लक्ष्ण बताए जा रहे है, वो टीके से नहीं होते। फिर भी जांच करेंगे। वैसे डेढ़ महीने पर तीन टीके ही लगाए जाते हैं और दो ओरल वैक्सीन दी जाती है।
शिकायत मिलेगी तो करेंगे कार्रवाई
अलवर गेट थाना प्रभारी रमेन्द्र सिंह हाड़ा ने बताया कि डिस्पेंसरी में हंगामे की सूचना मिली। पुलिस पहुंची भी। परिवार वाले टीके लगाने में लापरवाही का आरोप लगा रहे थे। समझाकर शांत कराया। अगर परिवारवालों की ओर से रिपोर्ट दी जाएगी तो नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।