बचपन में जो संस्कार डाले जाएं वही बच्चों का भविष्य तय करते हैं : सांसद वानखेडे

सागर यश भारत (संभागीय ब्यूरो)/बच्चे कच्ची मिट्टी की तरह होते हैं उनमें बचपन में ही जो संस्कार डाले जाएं वही उनका भविष्य तय करते हैं। प्रदेश के सभी स्कूलों में प्रार्थना सभा के दौरान बच्चों को जिंदगी संभालने के जो सात संकल्प दिलाने के प्रयास सागर की मिशन संतोष क्रांति संस्था कर रही है वह नवाचार अनोखा है। मैं मुख्यमंत्री के सामने इस नवाचार को रखकर पूरे प्रयास करूंगी के प्रदेश की हर सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में इसे लागू किया जाए।
यह बात सागर संसदीय क्षेत्र की सांसद श्रीमती डॉ लता वानखेड़े ने मिशन संतोष क्रांति के संस्थापक डॉ कृष्णकांत बक्शी द्वारा दिए गए ज्ञापन के दौरान कही। श्रीमती वानखेड़े ने कहा आज समाज में बढ़ता भ्रष्टाचार व हमेशा दूसरों से आगे निकलने की होड़ तथा संस्कार ना होने की वजह से अपराधों में बढ़ोतरी हो रही है । श्रीमती वानखेड़े ने कहा आज के लोग “जब आवे संतोष धन सब धन ढुली सामान” के सूत्र को आत्मसात कर लेंगे तो समाज को एक नई दिशा मिलेगी । आज के बच्चे जो कल का भविष्य कहलाते हैं वह अपना करियर बिगाड़ रहे हैं। लेकिन मिशन संतोष क्रांति के संस्थापक श्री बख्शी ने स्कूलों में प्रार्थना सभा के दौरान बच्चों को जिंदगी संभालने की जो सात टिप्स देने की मांग सरकार से की है यह अभिनव पहल है। प्रार्थना सभा के दौरान हमेशा माता-पिता और गुरु का सम्मान करेंगे । जीवन में कभी नकल नहीं करेंगे। भ्रष्टाचार नहीं करेंगे । सरकारी संपत्ति का दुरुपयोग नहीं करेंगे जैसे सात सूत्र बच्चों को दिलाने की प्रयास कर रहे हैं उसके लिए मैं भी इसमें सहभागी बनकर इसे सरकार की दृष्टि से आगे बढ़ाने के पूरे प्रयास करूंगी।
गौरतलब है मिशन संतोष क्रांति के संस्थापक लघु उद्योग केंद्र से सेवानिवृत्ति जनरल मैनेजर कृष्णकांत बक्शी और सागर डिग्री कॉलेज से सेवानिवृत मनोविज्ञान की प्रोफेसर डॉ रेखा बक्शी द्वारा साल 2018 में इस संस्था की स्थापना की गई है।
- अब तक कलेक्टर और प्रदेश के सीएम को पहुंचा चुके अपनी बात
मिशन संतोष क्रांति के संस्थापक कृष्णकांत बक्शी ने सागर कलेक्टर के माध्यम से तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और स्थानीय प्रशासन के अलावा सेवानिवृत्ति पूर्व अतिरिक्त मुख्य सचिव सुरेंद्रनाथ सिंह को भी ज्ञापन के माध्यम से अपनी बात पहुंचाई है।
उनका कहना है यदि इस मुहिम में जनप्रतिनिधि सहयोग करें तो यह नवाचार बच्चों के भविष्य के लिए मील का पत्थर साबित होगा। मालूम हो साल 2014 में इस संस्था की नीव डाली गई थी और अब तक 400 से ज्यादा लोग इस संस्था के हिस्सा बन गए हैं। इनमें साहित्यकार, समाजसेवी, डॉक्टर, पत्रकार, शिक्षक सभी अपना योगदान गोष्टी नुक्कड़ सभा रैली और सोशल मीडिया के माध्यम से दे रहे हैं। सांसद श्रीमती वानखेडे के पीआरओ विपिन दुबे ने बताया यह नवाचार “सार्थक पहल” है। इसे सांसद श्रीमती वानखेडे के माध्यम से प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव को भेजा जा रहा है।