जबलपुर,यशभारत। प्रशासन ने कोरोना की तीसरी लहर को लेकर व्यापाक तैयारियां कर ली है। बावजूद इसके आम लोगों को भी जागरूक होकर कोरोना के नियमों का पालन करना होगा। इसके साथ ही तैयारियों के मद्देनजर हमने पूर्व की सुविधाओं में और विस्तार किया है। साथ ही निजी अस्पताल को भी सख्ती के साथ दिशा निर्देश दिये गये है, वही पूर्व की भांति दवाओं को लेकर किसी तरह की ब्लैकमार्केटिंग न हो इसकी मॉनिटरिंग के लिये भी हमने अधिकारियों को मुस्तैद किया हुआ है। जो अस्पतालों की कार्यशैली पर भी अपनी नजरें बनाए रखेंगें यह बात आज कलेक्टर कर्मवीर शर्मा ने यशभारत के लोकप्रिय कार्यक्रम प्राइम टाईम विद आशीष शुक्ला में कोरोना की तीसरी लहर को लेकर प्रशासनिक तैयारियों की जानकारी के दौरान अपने साक्षात्कार के दौरान कहीं।
निजी अस्पतालों के लिये क्या है निर्देश
जब ऐसी स्थिति आती है तो प्रत्येक वर्ग के समुदाय की मदद ली जाती है । जैसे कि बताया गया है कि हम सभी शासकीय तंत्र में पूर्ण रुप से तैयार हैं ,पिछली बार भी निजी अस्पतालों ने काफी अच्छा सहयोग दिया था, कुछ दिन पूर्व निजी अस्पतालों के चिकित्सकों के साथ बैठक आयोजित की गई थी जिसमें स्पष्ट किया गया है कि, जो भी लोग आयुष्मान कार्ड के तहत आते हैं उनको आयुष्मान कार्ड के जरिए चिकित्सा दी जाए। कोविड चिकित्सा के लिए दिन प्रतिदिन अस्पतालों में प्रचार प्रसार किया जा रहा है।र्
दूसरी और तीसरी लहर में क्या भिन्नता है
दूसरी लहर में कोरोनावायरस का वेरिएंट तीसरी लहर की अपेक्षा काफी अलग था। जिसके कारण उसकी जो संक्रमण की दर थी वह पहली लहर से तेज थी, परंतु तीसरी लहर में जो वेरिएंट आया है, वह तेजी से संक्रमण फैला रहा है। इसका जो स्वरूप है वह अपना विस्तार तेज गति से कर रहा है। तीसरी लहर में देखा जा रहा है कि एक व्यक्ति कुल 10 व्यक्ति को संक्रमित कर रहा है। पहली और दूसरी लहर की अपेक्षा तीसरी लहर में कोरोना मरीजों की संख्या तेजी बढ़ रही है। लेकिन वैक्सीनेशन के दोनों डोज पूर्ण होने के कारण तीसरी लहर ज्यादा घातक नहीं होगी। फिर भी संक्रमण को रोकने के लिए जागरूक होना जरूरी है।
मरीजों के लिए उपलब्ध सुविधाएं
कलेक्टर कर्मवीर शर्मा ने बताया कि जब दूसरी लहर आई थी, तब संस्थागत स्वरूप में सुधार किया गया था। अगर हम मेडिकल कॉलेज की बात करें तो उस समय 500 से 600 बेड ऑक्सीजन और आईसीयू उपलब्ध कराए गए थे, परंतु तीसरी लहर को देखते हुए बेडोंं की संख्या 800 कर दी गई है। इसी प्रकार जिला अस्पताल की बात करें तो वहां आईसीयू 13 बेड का था जो बढा दिया गया है। ऑक्सीजन बेड 150 से बढ़ाकर 300 कर दिया गया है साथ ही सभी कोविड-19 की व्यवस्था को दोगुना कर दिया गया है।
व्यवस्था का विस्तारीकरण
कोरोना का कोई भी मरीज हो चाहे वह अमीर हो या गरीब सभी को एक जैसा और अच्छे इलाज की व्यवस्था रहेगी। ग्रामीण क्षेत्रों में कोविड सेंटर की व्यवस्थाओं को भी बढ़ा दिया गया है। विभिन्न आयामों को ध्यान में रखते हुए हमने मरीजों की व्यवस्था का विस्तारीकरण किया है। अगर पूरे जिले की बात करें तो पूरे जिले में 60 कोविड सेंटर हुआ करते थे, परंतु अब उनको बढ़ाकर 82 सेंटरों को व्यवस्थित रूप से तैयार किया गया है।
आंगनबाड़ी, आशा कार्यकर्ताओं की भूमिका
अगर सैंपल लिए जाते हैं तो लोगों को फीवर क्लीनिक में आना जरूरी है । अगर पिछले साल की बात करें तो हमने किल कोरोना अभियान शुरू किया था, जिसमें हमारे द्वारा ग्रामीण क्षेत्र और घनी बस्तियों में आंगनबाड़ी, आशा कार्यकर्ताओं एवं शिक्षक पटवारी रोजगार सहायक, सचिव की ड्यूटी लगाई गई थी। वर्तमान स्थिति में इन सभी की ड्यूटी लगाई जाएगी। प्रत्येक ग्रामीण क्षेत्र में टीम गठित की गई है । आशा कार्यकर्ताओं द्वारा घर-घर जाकर सर्वे किया जाएगा। अगर देखा जाए तो आशा कार्यकर्ताओं की कोरोना लहर में महत्वपूर्ण भूमिका रही और आगे भी रहेगी।
प्रशासन की क्या रणनीति है
प्रशासन अपनी नई नई और लाभकारी रणनीति पर कार्य करता है और रणनीति में हमको सफलता भी मिलती है। हमारा पहला उद्देश्य होता है कि ,लोगों तक संक्रमण फैले ही नहीं और इस पर ज्यादा फोकस भी करते हैं और दूसरी बात यह है कि व्यक्ति अगर संक्रमित हो गया तो भी प्रशासनिक नजरिए से तमाम व्यवस्था की गई है । संक्रमित होने वाले मरीज की जरूरत के हिसाब से सभी व्यवस्थाओं को ध्यान में रखा गया है, जिससे लोगों को किसी भी प्रकार की समस्या का सामना ना करना पड़े।
क्या है जनता से अपेक्षा
यह बात पूरी तरह स्पष्ट है कि सभी लोग 2 साल से कोरोनावायरस के कारण परेशान हैं ,साथ ही प्रचार प्रसार भी चल रहा है। लोगों से अपील की जा रही है कि, सरकार द्वारा जारी की गई कोरोना गाइडलाइन नियमों का ईमानदारी से पालन करें ,मास्क लगाए रखें ,2 गज दूरी के साथ सैनिटाइजर का उपयोग करें । साथ ही जिन लोगों को किसी भी प्रकार की बीमारी है वह अपना ख्याल रखें अनावश्यक रूप से घर से बाहर ना जाए और जागरूक रहें।
प्रशासन की स्कूलों के लिए क्या रणनीति है
क्या है शिक्षा की व्यवस्था
शासन के नियमों के तहत स्कूलों को विशेष सुविधा दी जा रही है। अभिभावकों की सुरक्षा अनुसार बच्चों को स्कूल भेजा जा रहा है। ऑनलाइन और ऑफलाइन के माध्यम से बच्चों की शिक्षा निरंतर जारी है। बच्चों को मास्क एवं सभी नियमों का पालन करते हुए स्कूलों में बैठाया जा रहा है। स्कूलों में भी सभी छात्रों को सैनिटाइजर दिया जा रहा है और सभी सुरक्षा के मापदण्डों का पालन कर बच्चों को शिक्षा दी जा रही है।