मध्य प्रदेश

पार्टी जारी नहीं करेगी सूची, बल्कि जिलों में जाकर पर्यवेक्षक करेंगे भाजपा जिलाध्यक्ष की घोषणा

WhatsApp Icon
Join Yashbharat App

भोपाल, यशभारत। मध्यप्रदेश में बीजेपी अपने जिलाध्यक्षों की लिस्ट जारी नहीं करेगी, बल्कि जिलों में नियुक्त किए गए निर्वाचन अधिकारी और पर्यवेक्षक ही अलग-अलग जिलों में जाकर जिलाध्यक्ष के नाम का ऐलान करेंगे. क्योंकि बताया जा रहा है कि 40 के आसपास नाम फाइनल हो गए हैं, लेकिन कुछ बड़े जिलों में मामला फंसने से उलझन बढ़ गई थी।

इस बीच खबर आ रही है कि मध्य प्रदेश बीजेपी के जिलाध्यक्षों की सूची का लंबा इंतजार गुरुवार यानि आज खत्म हो सकता है. जानकारी के मुताबिक सूची फाइनल हो चुकी है और किसी भी समय इसे जारी किया जा सकता है। जिलों में पर्यवेक्षक आकर नाम घोषित कर देंगे। पहले ये सूची 5 जनवरी को जारी होनी थी, लेकिन कई जिलों में एक नाम पर सहमति ना बन पाने की वजह से गतिरोध इतना बढ़ा कि ये पूरा मामला केन्द्रीय नेतृत्व तक पहुंचा. सबसे ज्यादा खींचतान बुंदेलखंड में सागर और ग्वालियर चंबल से जुड़े जिलो को लेकर थी। प्रदेश अधअयक्ष वीडी शर्मा और प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा दिल्ली पहुंचे थे. जहां राष्ट्रीय सह संगठन प्रभारी शिवप्रकाश और प्रदेश प्रभारी डॉ महेन्द्र सिंह से मंथन के बाद सूची को अंतिम रूप दिया जा सकता है. अब भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर की तरह सागर और धार जिले में भी शहर और ग्रामीण दो हिस्सों में जिला अधयक्ष घोषित किए जाएंगे। जानकारी के मुताबिक ये भी कहा गया है कि कद्दावर नेताओं के यहां से बीजेपी जिलाध्यक्ष को लेकर कोई सूचना प्रेषित ना की जाए। दिल्ली में राष्ट्रीय सहसंगठन महामंत्री शिवप्रकाश और प्रदेश बीजेपी प्रभारी डॉ महेन्द्र सिंह से मंथन के बाद इसे अंतिम रूप दे दिया है। जानकारी के मुताबिक धार और सागर में दो ग्रामीण जिले बढ़ाने के साथ अब बीजेपी में 62 जिले हैं. जिन पर जानकारी के मुताबिक एक साथ ये सूची जारी होगी. प्रदेश बीजेपी मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल ने बताया कि “बीजेपी एक लोकतांत्रिक पार्टी है और पूरी प्रक्रिया के बाद ही किसी भी सूची को अंतिम रुप दिया जाता है। जिलों की रायशुमारी से लेकर एक-एक नाम पर दिल्ली तक मंथन हुआ है. ये बताता है कि पार्टी में संगठन का हर सिपाही पार्टी के कितना महत्वपूर्ण है. जैसे ही सूची जारी होगी आपको भी इसकी जानकारी लग जाएगी।

कहां अटक गई थी जिलाध्यक्षों की सूची

असल में ये पहली बार है कि जिला अध्यक्ष की सूची जारी होने में इतना लंबा समय लगा। वजह ये थी कि कई जिलों में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का अपने समर्थकों को जिलाध्यक्ष बनाए जाने का दबाव था. कई जिलों में चूंकि कद्दावर नेताओं की तादात ज्यादा थी, इसलिए एक नाम पर आम सहमति बनना कठिन हो रहा था। बुंदेलखंड में गोपाल भार्गव ,भूपेन्द्र सिंह और गोविंद सिंह राजपूत ये तीन दिग्गज नेता हैं. जो अपनी पसंद का जिलाध्यक्ष चाह रहे हैं।

IMG 20250109 164453

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
Notifications Powered By Aplu