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पाक की परमाणु कमान: पीएम शहबाज ने बुलाई नेशनल कमांड अथॉरिटी की बैठक

भारत के साथ बढ़ते तनाव के बीच, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने परमाणु हथियारों के नियंत्रण और सुरक्षा से जुड़े अहम निकाय, नेशनल कमांड अथॉरिटी (NCA) की एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई।

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने देश की नेशनल कमांड अथॉरिटी (National Command Authority – NCA) की एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई है। यह बैठक भारत के साथ बढ़ते तनाव की पृष्ठभूमि में हो रही है, जिसने क्षेत्र में चिंताएं बढ़ा दी हैं।

नेशनल कमांड अथॉरिटी (NCA) क्या है?

नेशनल कमांड अथॉरिटी पाकिस्तान का सर्वोच्च निकाय है जो देश के परमाणु हथियारों के कमांड, कंट्रोल और परिचालन नीति के संबंध में सभी महत्वपूर्ण निर्णय लेता है। यह एक शक्तिशाली संस्था है जो पाकिस्तान के परमाणु शस्त्रागार की सुरक्षा और इस्तेमाल पर अंतिम अधिकार रखती है।

एनसीए में प्रमुख रूप से निम्नलिखित सदस्य शामिल होते हैं:

  • प्रधानमंत्री (अध्यक्ष)
  • विदेश मंत्री
  • रक्षा मंत्री
  • वित्त मंत्री
  • अध्यक्ष, ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी
  • तीनों सेनाओं के प्रमुख (सेना प्रमुख, नौसेना प्रमुख, वायु सेना प्रमुख)
  • रणनीतिक योजनाओं के प्रभाग (Strategic Plans Division – SPD) के महानिदेशक (SPD पाकिस्तान के परमाणु हथियारों की सुरक्षा और रखरखाव के लिए जिम्मेदार प्रमुख संगठन है)।
  • अन्य महत्वपूर्ण नागरिक और सैन्य अधिकारी

एनसीए के कार्य:

नेशनल कमांड अथॉरिटी मुख्य रूप से निम्नलिखित कार्य करती है:

  • पाकिस्तान की परमाणु नीति और रणनीति को तैयार करना और उसे मंजूरी देना।
  • परमाणु हथियारों के विकास, उत्पादन और भंडारण से संबंधित नीतियों का निर्धारण करना।
  • किसी भी परमाणु हथियार के इस्तेमाल के संबंध में अंतिम निर्णय लेना।
  • परमाणु हथियारों की सुरक्षा और अप्रसार सुनिश्चित करना।
  • रणनीतिक संस्थानों और संपत्तियों की सुरक्षा का oversight करना।

शहबाज शरीफ द्वारा बुलाई गई बैठक का महत्व:

प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ द्वारा ऐसे संवेदनशील समय में एनसीए की बैठक बुलाना अत्यंत महत्वपूर्ण है। भारत के साथ हालिया तनाव, जिसमें पहलगाम हमला और उसके बाद की जवाबी कार्रवाइयां शामिल हैं, ने दोनों देशों के बीच संबंधों को और खराब कर दिया है। इस संदर्भ में, एनसीए की बैठक निम्नलिखित कारणों से महत्वपूर्ण हो सकती है:

  • रणनीतिक स्थिति की समीक्षा: बैठक में क्षेत्र की वर्तमान सुरक्षा स्थिति और भारत के साथ बढ़ते तनाव का आकलन किया जा सकता है।
  • परमाणु निवारक क्षमता की समीक्षा: पाकिस्तान अपनी परमाणु निवारक क्षमता और उसकी प्रभावशीलता पर विचार कर सकता है।
  • कमांड और कंट्रोल तंत्र की समीक्षा: परमाणु हथियारों के कमांड और कंट्रोल सिस्टम की तैयारियों और सुरक्षा उपायों की समीक्षा की जा सकती है।
  • संभावित प्रतिक्रिया पर विचार: किसी भी संभावित संघर्ष की स्थिति में पाकिस्तान की प्रतिक्रिया के विकल्पों पर चर्चा हो सकती है।
  • अंतर्राष्ट्रीय संदेश: इस बैठक के माध्यम से पाकिस्तान अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को अपनी जिम्मेदारी और परमाणु सुरक्षा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता का संदेश दे सकता है।

यह बैठक ऐसे समय में हो रही है जब दोनों देशों के बीच वाकयुद्ध तेज हो गया है और सीमा पर तनाव चरम पर है। विश्लेषकों का मानना है कि एनसीए की यह बैठक पाकिस्तान के रणनीतिकारों के लिए मौजूदा सुरक्षा चुनौतियों का आकलन करने और भविष्य की कार्रवाई की दिशा तय करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है।

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