बक्सर के खिलाफतपुर गांव का छवि मुशहर मंगलवार को 12 साल बाद पाकिस्तान से घर लौट आया। बेटे को देखते ही मां फफककर रोने लगी। बेटे से लिपट कर कभी आंचल से उसका चेहरा सहलाती तो कभी अपनी आंखों से निकलते आंसुओं को पोंछती। बड़ा भाई भी गले लग जोर-जोर से रोने लगा। परिजन थाने पर ही उसको खाने-पीने की चीज लाकर खिला-पिला रहे हैं। उसको देखने के लिए बस्ती और आसपास के लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई। कोई बुके दे रहा है तो कोई पगड़ी बांध रहा है। गांव में उत्सव जैसा माहौल है।
छवि की दिमागी हालत ठीक नहीं होने के कारण वह कुछ ठीक-ठाक नहीं बता पा रहा है। सिर्फ इतना बता सका कि तीन साल जेल में रहा है। वह घर से आरा जाने के लिए निकला था, लेकिन समझ में नहीं आने के कारण गलत ट्रेन पकड़ लिया और उसके बाद चिनाब चला गया। कई साल तक भटकता रहा। उसके बाद कब पाकिस्तान की सीमा में प्रवेश कर गया, पता ही नहीं चला। फिर सिपाही ने पकड़ लिया और जेल में बंद कर दिया। पूछ रहे थे कि कहां से आया है, कैसे घुस गया? तो हमने बताया कि ससुराल जा रहे थे, इधर आ गए।
छवि ने बताया कि पाकिस्तान की जेल में थोड़ी पिटाई हुई। उसके बाद रोज खाना देते थे। रोज खाना खाते और सो जाते थे। खाना में रोटी-दाल और मुर्गा-भात देते थे। बोलते थे कि तीन साल बाद जाएगा। यह पूछने पर कि अब घर आ गया है तो पहले किससे मिलेगा, तो बता रहा है कि बीवी से। हालांकि, उसे पता नहीं है कि गायब होने के बाद बीवी ने दूसरी शादी कर अपना घर बसा लिया है। परिजन द्वारा बताया गया कि अब लौट आया है तो इसकी भी दूसरी शादी कराई जाएगी।