पर्यवेक्षकों ने पूछा – आप किसे बनाना चाहते हैं कांग्रेस जिलाध्यक्ष, पहले दिन 200 कांग्रेस नेताओं ने दी राय, आज भी जारी है रायशुमारी

कटनी, यशभारत। कांग्रेस के शहर और ग्रामीण अध्यक्ष चुनने कटनी में कवायद तेज हो चुकी है। पर्यवेक्षक के रूप में पहुंचे अगलतरा के विधायक राघवेंद्र सिंह और जिला संगठन प्रभारी वीरेंद्र द्विवेदी ने रात्रि 8 बजे तक लाभग 200 कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं से अलग अलग समूहों में बातचीत कर नए अध्यक्षों के लिए उनकी राय जानी। रायशुमारी को लेकर कांग्रेसजनों में खासा उत्साह नजर आ रहा है। आज दूसरे दिन भी यह सिलसिला जारी रहा। पर्यवेक्षकों ने आज सभी 8 ब्लाकों के अध्यक्षों और मोर्चा तथा प्रकोष्ठ कार्यकर्ताओं से वन टू वन कर उनकी भी पसंद जानी। इसके बाद जिला कांग्रेस ग्रामीण संगठन से जुड़े कार्यकर्ताओं से संवाद किया गया। उधर रायशुमारी के पहले ही कांग्रेस ने एक पर्यवेक्षक बदल दिया। एनपी प्रजापति की जगह रीवा जिले के वरिष्ठ कांग्रेस नेता रमाशंकर सिंह पटेल को पर्यवेक्षक बना दिया गया है। वे आज कटनी पहुंचकर संगठन के सृजन अभियान का हिस्सा बने।
कांग्रेस सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पर्यवेक्षकों ने साफ संकेत दे दिए हैं कि राहुल गांधी की सोच के मुताबिक ही संगठन का सृजन होगा। इसके पहले पर्यवेक्षक राघवेंद्र सिंह ने स्पष्ट किया कि 45 साल वाला फार्मूला लागू नहीं है, लेकिन कोशिश यही है कि युवा नेतृत्व तैयार किया जा सके। उन्होंने मीडिया को बताया कि संगठन के प्रति निष्ठावान और सक्रिय नेता की उम्र 45 से ज्यादा भी है तो उन्हें भी पैनल में शामिल किया जा रहा है।
दावेदारों से भरवाया जा रहा फॉर्मेट
जानकारी के अनुसार जिला कांग्रेस अध्यक्ष के दावेदार कांग्रेस नेताओं को एक प्रिंटेड फार्मेट दिया गया है, जिसे भरकर जमा करना है। इस फॉर्मेट में सारी जानकारी ली जा रही है। ये फॉर्मेट ही दावेदारी का आधार बनेगी। पर्यवेक्षक राघवेंद्र सिंह ने यशभारत से बात करते हुए कहा कि एआईसीसी के निर्देशों के मुताबिक जिले में रायशुमारी के आधार पर 6 लोगों का पैनल तैयार किया जाएगा। ग्रामीण के लिए अलग पैनल होगा। इस तरह शहर और ग्रामीण मिलाकर 12 नेता पैनलों का हिस्सा होंगे। गाइडलाइन के मुताबिक पैनल में एक महिला भी अनिवार्य होगी जबकि पिछड़ा, अनुसूचित जाति और अल्पसंख्यक में से किसी का प्रतिनिधित्व भी होना चाहिए। इसी फार्मूले को ध्यान में रखकर सारी कवायद हो रही है।
मैदानी रिपोर्ट के चार दिन होंगे अहम
केवल फॉर्मेट भर देने, या अपने पक्ष में ज्यादा से ज्यादा राय दिला देने बस से काम नहीं चलेगा, बल्कि तीनों पर्यवेक्षक नेताओं के वास्तविक वजन और उनकी सक्रियता का मैदानी परीक्षण भी करेंगे। जानकारी के मुताबिक सृजन अभियान के अगले चरण की शुरुआत 16 जून से होगी। 19 जून तक लगातार चार दिन में सभी 6 जनपदों के 8 ब्लाकों की बैठकें होंगी। ग्रामीण क्षेत्र के साथ शहरी क्षेत्र के कार्यकर्ताओं से फीडबैक लेने के बाद पर्यवेक्षक अपनी पूरी रिपोर्ट तैयार कर इसे लेकर राजधानी भोपाल पहुंचेंगे। भोपाल में जिले से तैयार पैनलों पर एमपी कांग्रेस के प्रभारी हरीश चौधरी, राष्ट्रीय सचिव, प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी और नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार के साथ बैठक में चर्चा होगी। यहां नाम शॉर्टआउट होने के बाद दिल्ली जायेंगे और दिल्ली से ही नए शहर व ग्रामीण अध्यक्षों के नामों का ऐलान होगा।
बाहर बोले नहीं बनना, अंदर दे दिया नाम
रायशुमारी के दौरान कई दिलचस्प नजारे भी सामने आए। कुछ नेता ऐसे थे जो बाहर सबके साथ बातचीत में खुद को अध्यक्ष पद की दौड़ से बाहर बता रहे थे, लेकिन अन्दर जाकर पर्यवेक्षक के सामने अपना ही नाम नोट करा रहे थे। कुछ वरिष्ठ नेता यह कहते सुने गए कि हमने बहुत कर लिया, अब युवाओं को मौका मिलना चाहिए। युवा नेता समझिए ज्यादा उत्साहित दिखे क्योंकि उन्हें उम्मीद है कि बदलाव में उनके नाम की लाटरी खुल सकती है। दावेदार इस कोशिश में थे कि ज्यादा से ज्यादा कार्यकर्ता रायशुमारी में उनका नाम ले ले। इस बीच चर्चा यह भी थी कि इस सारी कवायद के बाद लास्ट में ऊपर के नेताओं का भी खेल चलेगा।








