पंचायत में चपरासी की नौकरी करने वाले को 30 साल में मिले सिर्फ 8 हजार, कलेक्टर की जनसुनवाई में आया अजीबोगरीब मामला

कटनी/पन्ना, यशभारत। कलेक्टर की जनसुनवाई में आवेदन लेकर पहुंचे आवेदक रामलाल ने कलेक्टर से गुहार लगाई की उसने पंचायत में 30 साल की सेवाएं दी है, जिसमें उसे सिर्फ 8 हजार रुपए मिले हैं बाकी पैसा आज तक नहीं मिला है। पैसे के लिए जब उसने सचिव से मांग की तो उसे नौकरी से भी निकाल दिया गया है उसे पैसा दिलाया जाए। यह अपने तरीके का सनसनीखेज मामला निकलकर सामने आ रहा है। जब 30 साल सेवा देने के बाद चपरासी को सिर्फ पंचायत कर्मियों द्वारा 8 हजार रूपए का भुगतान किया गया एवं बताया गया कि 2019 में उसके खाते में पैसे डाले गए, जब उसने बैंक खाता की डिटेल निकाली तो उसमें खाते में कुछ भी पैसा नहीं आया उसने फिर पंचायत कर्मियों से कहा और बार.बार कहने पर जब वह परेशान हो गए तो प्रक्रिया नौकरी से भी निकाल दिया गया। मामला जमीनी हकीकत से जुड़ा हुआ है कि आज भी पंचायत स्तर पर पंचायत कर्मी किस तरह से गरीब टपके के लोगों का शोषण कर रहे हैं 30 साल सेवा देने के बाद सिर्फ 8 हजार रूपए मिलना कहीं ना कहीं सिस्टम के ऊपर प्रश्न चिन्ह खड़े करता है बता दे की रामलाल पिता गोरेलाल उम्र 55 वर्ष ने बताया कि उसे उसकी सेवा का भुगतान चाहिए है साहब ने भी आवेदन ले लिया है और कुछ नहीं कहा है अब यह देखना होगा कि आवेदक का क्या होता है। गुनौर जनपद पंचायत में पदस्थ मुख्य कार्यपालन अधिकारी धीरज चौधरी बताते हैं कि मामला उनके संज्ञान में अभी आया नहीं है जैसे ही संज्ञान में आता है तो उसकी जांच कर ली जाएगी और यह देखना होगा कि रामलाल मौखिक तौर पर सेवाएं दे रहा था कि उसे कागजी तौर पर सेवा पर उसे रखा गया था क्योंकि पंचायत स्वतंत्रता होती है वह किसी को भी पंचायत स्तर पर साफ सफाई के लिए चपरासी पद पर रख सकती है।कटनी/पन्ना, यशभारत। कलेक्टर की जनसुनवाई में आवेदन लेकर पहुंचे आवेदक रामलाल ने कलेक्टर से गुहार लगाई की उसने पंचायत में 30 साल की सेवाएं दी है, जिसमें उसे सिर्फ 8 हजार रुपए मिले हैं बाकी पैसा आज तक नहीं मिला है। पैसे के लिए जब उसने सचिव से मांग की तो उसे नौकरी से भी निकाल दिया गया है उसे पैसा दिलाया जाए। यह अपने तरीके का सनसनीखेज मामला निकलकर सामने आ रहा है। जब 30 साल सेवा देने के बाद चपरासी को सिर्फ पंचायत कर्मियों द्वारा 8 हजार रूपए का भुगतान किया गया एवं बताया गया कि 2019 में उसके खाते में पैसे डाले गए, जब उसने बैंक खाता की डिटेल निकाली तो उसमें खाते में कुछ भी पैसा नहीं आया उसने फिर पंचायत कर्मियों से कहा और बार.बार कहने पर जब वह परेशान हो गए तो प्रक्रिया नौकरी से भी निकाल दिया गया। मामला जमीनी हकीकत से जुड़ा हुआ है कि आज भी पंचायत स्तर पर पंचायत कर्मी किस तरह से गरीब टपके के लोगों का शोषण कर रहे हैं 30 साल सेवा देने के बाद सिर्फ 8 हजार रूपए मिलना कहीं ना कहीं सिस्टम के ऊपर प्रश्न चिन्ह खड़े करता है बता दे की रामलाल पिता गोरेलाल उम्र 55 वर्ष ने बताया कि उसे उसकी सेवा का भुगतान चाहिए है साहब ने भी आवेदन ले लिया है और कुछ नहीं कहा है अब यह देखना होगा कि आवेदक का क्या होता है। गुनौर जनपद पंचायत में पदस्थ मुख्य कार्यपालन अधिकारी धीरज चौधरी बताते हैं कि मामला उनके संज्ञान में अभी आया नहीं है जैसे ही संज्ञान में आता है तो उसकी जांच कर ली जाएगी और यह देखना होगा कि रामलाल मौखिक तौर पर सेवाएं दे रहा था कि उसे कागजी तौर पर सेवा पर उसे रखा गया था क्योंकि पंचायत स्वतंत्रता होती है वह किसी को भी पंचायत स्तर पर साफ सफाई के लिए चपरासी पद पर रख सकती है।