न्याय के मंदिर में खूनी खेल खेलने वाले रहम के पात्र नहीं कोर्ट ने टिप्पणी के साथ दी आजीवन कारावास और10-10 वर्ष की सजा
जबलपुर यशभारत। 28 जून2019 को अपहरण के मामले में पेशी पर लाये जा रहे अभियुक्तों गुड्डू उर्फ मोहन तिवारी और मुकेश श्रीपाल को पाटन उपजेल से पेशी पर लाते समय पाटन न्यायालय परिसर में कट्टे से हत्या के प्रयास के मामले में एक अभियुक्त को आजीवन कारावास और दो अन्य को 10-10 वर्ष की कैद और दो-दो हजार रुपये का जुर्माना लगाया है।
न्यायालय अपर सत्र न्यायाधीश विवेक कुमार पाटन द्वारा अभियुक्त राजा ऊर्फ संजय यादव पिता स्व. सतीश यादव, उम्र- 23 वर्ष, निवासी थाना हनुमानताल को धारा 307 आजीवन कारावास एवं अभियुक्त गणदिलीप ऊर्फ योगेश पुरी गोस्वामी पिता उमेश पुरी, उम्र-23 वर्ष, निवासी ग्राम कुदवारी, अमखेरा, थाना अधारताल विश्वनाथ पिता बद्रीनाथ कोल उम्र- 27 वर्ष, निवासी ग्राम कुदवारी, अमखेरा, थाना अधारताल जिला जबलपुर (म.प्र.) को 10-10 वर्ष कारावास एवं 2000-2000 रूपये अर्थदण्ड एवं आयुध अधिनियम में 2 वर्ष कारावास एवं 500 रूपये अर्थदण्ड से दण्डित किया ।
अपर सत्र न्यायाधीश पाटन विवेक कुमार ने विशेष टिप्पणी करते हुये कहा है कि अदालत जो आम नागरिकों के लिए न्याय का मंदिर होता है तथा न्याय के मंदिर में दोषी अभियुक्तगण द्वारा गोलीकाण्ड से आम जनमानस के विश्वास और न्याय के मंदिर में उनकी सुरक्षा को लेकर आश्वस्तता को ठेस पहुंची है। उन्होंने न्यायालय जैसे पवित्र स्थान की भूमि को खून से लाल कर दिया। ऐसी स्थिति में ऐसे अभियुक्तगण/दोषीगण के बारे में सजा के बिंदु पर लचीला/ रहम का रूख नहीं अपनाया जा सकता इस मामले में अन्य आरोपी सतमन गिरी, उत्तम गिरी, अजय गिरी, रवि, विवेक और जागे गिरी को बरी कर दिया।
प्रकरण की विवेचना थाना पाटन उप निरी. केशव पटेल एवं उप निरी. अर्चना सल्लाम द्वारा की गई। उपसंचालक(अभियोज अभियोजन) विजय कुमार उइके एवं जिला अभियोजन अधिकारी अजय जैन के मार्गदर्शन में अभियोजन की ओर से संदीप जैन विशेष लोक अभियोजक के द्वारा मामले में पैरवी की गई।