जबलपुरमध्य प्रदेशराज्य

नौरादेही अभ्यारण्य में कहा घूम रहे बाघ जबलपुर से देख रहे विज्ञानी

जबलपुर में बैठकर नौरादेही अभ्यारण्य के बाघों पर नजर रखने का उद्देश्य यह पता लगाना है कि नौरादेही का वातावरण बाघों के लिए कितना अनुकूल

तेन्दूखेडा/दमोह!-दस बाघों की दहाड़ से गुलजार सागर दमोह और नरसिंहपुर के त्रिकोण में स्थित 12 सौ वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला नौरादेही वन्यजीव अभ्यारण्य जहां वर्ष 2018 से बाघों के पुनर्वास का कार्य किया जा रहा है यह प्रयास मध्यप्रदेश वन विभाग के प्रायोजन में राज्य वन अनुसंधान(एसएफआरआई) और नौरादेही वन्यजीव अभ्यारण्य प्रबंधन के सहयोग से किया जा रहा है बाघों के पुर्नवास और संरक्षण की दिशा में नौरादेही के जिस क्षेत्र में बाघों को रखा गया है वहां पर लगे कैमरे और बाघों में लगाई गई रेडियो कालर के जरिए एसएफआरआइ के विज्ञानी हर दिन हर घंटे बाघों की गतिविधियों पर नजर रख रहे हैं जबलपुर में बैठकर नौरादेही अभ्यारण्य के बाघों पर नजर रखने का उद्देश्य यह पता लगाना है कि नौरादेही का वातावरण बाघों के लिए कितना अनुकूल है साथ ही बाघों के शिकार उनके परिवार के बढ़ने और स्वभाव पर भी ध्यान देना है

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जिससे बाघों की आश्यकता व सुविधा के अनुसार नौरादेही का संवर्धन किया जा सके संचालक एसएफआरआइ अभिताभ अग्निहोत्री के अनुसार यह रिसर्च प्रधान मुख्य वन्य संरक्षक वन्यप्राणी मुख्य प्राणी अभिरक्षक मप्र जसवीर सिंह चौहान व अपर प्रधान मुख्य वन्य प्राणी संरक्षक डां एचएस नेगी के निर्देशन में हो रहा है इसके साथ ही नौरादेही वन्यजीव अभ्यारण्य से वन मंडल अधिकारी सुंधाशु यादव उप वनमंडल अधिकारी सेवाराम मलिक का निरंतर सहयोग मिल रहा है संचालक एसएफआरआइ ने बताया करीब तीन सालों से एसएफआरआइ द्वारा बाघों के व्यवहार उनके शिकार के तरीके शिकार की पसंद का निरीक्षण हो रहा है यह रिसर्च एक सतत प्रक्रिया है जिस पर मप्र में बाघों की बढ़ती संख्या बहुत कुछ निर्भर करती है

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रिसर्च के बाद बाघों से संबधित कई मिथक जैसे बाघ अपने बच्चों को मार डालता है यह भी दूर हुआ है क्योंकि यहां एन-1को अपने शावकों के साथ अच्छा समय बिताते भी देखा गया है इस परियोजना की मुख्य अन्वेषक एसएफआरआइ से डां अंजना राजपूत ने बताया कि बाघों के संरक्षण के लिए 2018 में नौरादेही अभ्यारण्य में यहां एन-1नाम से बाघिन राधा और एन-2 नाम से बाघ किशन को रखा गया एन-1को कान्हा से और एन-2को बांधवगढ़ से नौरादेही लाया गया दोनों को नौरादेही का माहौल पसंद आया एन-2ने 2019 में तीन शावकों को जन्म दिया जिसमें

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एक नर और दो मादा थे इस तरह एन-1और एन-2की एक पीढ़ी नौरादेही में बढ़ी इसके बाद नंवबर-2021में कैमरे में दो बहुत ही छोटे शावकों को देखने के प्रमाण मिले इससे पता चला कि एन-2ने दो शावकों को और जन्म दिया है इसी तरह एन-1बाघिन राधा की तीसरी पीढ़ी ने भी अप्रैल माह 2022 जन्म लिया है जहां बाघिन एन-112को भी अपने दो शावकों के साथ कैमरे में कैद किया था नौरादेही अभ्यारण्य में वंशवृद्धि से बाघों का कुनबा बढ़कर 9हो गया है एक अन्य बाघ आसपास के टाइगर रिजर्व से आकर यहा बस गया है जहां अब अभ्यारण्य में 10बाघों का कुनबा विचरण कर रहा है वहीं बाघिन राधा की दूसरी बेटी यानी बाघिन एन-112की बहन एन-111से भी वंशवृद्धि की उम्मीद बढ़ गई है इसके प्रेग्नेंट होने की संभावना जताई जा रही है वाइल्ड लाइफ से जुड़े जानकारों के अनुसार बाघिन2साल की आयु में मां का साथ छोड़ देती है और 3साल की आयु में मां बन सकती है

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