निर्माणाधीन पुलिया की गुणवत्ता पर उठे सवाल ;मस्टररोल कहीं और का काम कहीं और : ग्रामीणों ने लगाया आरोप
यश भारत शहपुरा। के शहपुरा जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम पंचायतों में चल रहे निर्माण कार्यों में लापरवाही बरती जा रही है। ग्राम पंचायतों में जो भी राशि बची हुई है उस राशि को ठिकाने लगाने की होड़ सी मची है, ऐसी स्थिति में निर्माण कार्यों की औपचारिकता पूरी की जा रही है। निर्माण कार्यों की होड़ में निर्माण एजेंसियों द्वारा कार्यों की उपयोगिता एवं कार्यो की गुणवत्ता पर बिल्कुल ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
ऐसा ही ताजा उदाहरण जनपद शहपुरा की ग्राम पंचायत गुतलवाह का है। जहां गांव में ही एक पुलिया का निर्माण किया जा रहा है। जिसकी लागत लगभग 13 लाख रूपये बताई जा रही है। स्थानीय ग्रामीणों का आरोप है कि पुलिया कार्य अत्यंत घटिया किस्म का किया जा रहा है। नींव तो एक भी नही खोदी गई और वही बिंगवाल में पत्थर डालकर बनाया गया है, वहीं सीमेंट की मात्रा भी काफी कम है। जिससे सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि पुलिया कितनी मजबूत होगी। ग्रामीणों की माने तो निर्माण एजेंसी ऐसे गुणवत्ता विहीन कार्यो को अंजाम देने से इसलिए परहेज नहीं करते क्योंकि उपयंत्री से लेकर पूरा-पूरा विभागीय आला अधिकारियों का भरपूर संरक्षण प्राप्त रहता है। वैसे तो निर्माण कार्यों की मानीटरिंग का कार्य उपयंत्री का होता है लेकिन इस क्षेत्र में जिस उपयंत्री को देख रेख की जिम्मेवारी सौंपी गई है उनका यहां होता ही नहीं है और कभी समय निकला तो वह भी सप्ताह में एकाध दिन ही फील्ड के लिए समय निकाल पाते हैं, जिससे सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है की उनके द्वारा उन्हें मिले ग्राम पंचायतों में निर्माण कार्यों की मॉनीटरिंग कैसे होती होगी।
क्षेत्रीय ग्रामीणों ने इस ओर जिला कलेक्टर का ध्यान आकृष्ट कराते हुए गुणवत्ता विहीन हो रहे निर्माण कार्यों की जांच कराए जाने की मांग की है। ग्रामीणों ने आरोप लगाते हुए यहां तक बताया कि पंचायत की जिम्मेदारों के द्वारा ग्रामीणों को गुमराह करते हुए यह बताया गया की पुलिया निर्माण का लेबर पेमेंट खत्म हो जाने के कारण जंगल में चल रहे काम कंट्रोल ट्रेंच की लेबरों को लाकर के और 2 से 3 दिन समस्त लेबरों से काम पुलिया में करवाया गया जो की एक प्रकार से भ्रष्टाचार की श्रेणी में आता है।