नागिन के मुंह में फैवीक्विक लगाकर सपेरे करा रहे थे दर्शन : वन पहरी को देखकर भागे, सर्पों को किया गया रेस्क्यू

जबलपुर, यशभारत। नागपंचमी में अवसर पर शहर से लेक र ग्रामीणांचलों तक धार्मिक मान्यताओं के आधार पर नागदेवता के दर्शन कर दूध पिलाया जाता है। जिससे जीवन में समृद्धि और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है। लेकिन धार्मिक मान्याताओं को माध्यम बनाकर सपेरे वन्यजीवों को किस कदर कहर बरपाते है उसकी बानगी आज उस वक्त देखने मिली जब वन पुलिस ने टीम बनाकर सपेरों की धड़पकड़ का अभियान चलाया। जिसमें एक सपेरे ने पकड़ी हुई नागिन का मुंह फेवी क्विक से बंद कर दिया था। वन विभाग की टीम ने अभी तक आधा दर्जन सर्पों का रेस्क्यू किया गया है।
सर्प विशेषज्ञ अभिलाश कुमार ने बताया कि नागपंचमी के दिन सपेरे बड़ी बेरहमी से सर्पों के जहरीले दांत तोड़कर दर्शन करने के बहाने रुपये कमाते है और बाद में सर्प डेमेज होकर अपने प्राण त्याग देते है। वन विभाग की टीम के साथ मिलकर सर्पों को रेस्क्यू कर रहे है। जिसमें एक सपेरा ऐसी नागिन की प्रदर्शनी करवा रहा था जिसका मुंह उसने फेवी क्विक से लॉक कर रखा था, ताकि कोई नुकसान ना हो और वह आराम से अपना व्यापार कर सके। जिसे रेस्क्यू किया गया है। जिसका इलाज किया जा रहा है।
तीन टीमें गठित
वन विभाग के रमेश प्रसाद मांगले ने बताया कि विभाग ने तीन टीमें गठित की हैं। जिसमें अभी तक अनेक सेपरों को दबोचकर, सर्प बरामद किए है। जिनको सकुशल वनों में छोड़ दिया जाता है।